नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers) के मुद्दे को एकबार फिर से उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरा है, उन्होंने इस बार एक इमोशनल वीडियो (Emotional Video) ट्वीट करते हुए अपनी बात कही है, उन्होंने कहा कि वो इन लोगों की आवाज उठाना बंद नहीं करेंगे और इनकी चीखों को सरकार तक पहुंचाएंगे, वीडियो में बड़े शहरों से अपने घरों को पैदल ही पलायन कर रहे लोगों की दुर्दशा दिखाई गई है।
राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को प्रवासी श्रमिकों से जुड़ा एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि ये मजूदर देश के स्वाभिमान का ध्वज हैं....इसे कभी भी झुकने नहीं देंगे। इनकी चीखें सरकार तक पहुंचाई जाएगी और उन्हें मदद दिलाई जाएगी।
उन्होंने ट्वीट किया, 'अंधकार घना है कठिन घड़ी है, हिम्मत रखिए-हम इन सभी की सुरक्षा में खड़े हैं। सरकार तक इनकी चीखें पहुंचा के रहेंगे, इनके हक़ की हर मदद दिला के रहेंगे।' कांग्रेस नेता ने कहा, 'देश की साधारण जनता नहीं, ये तो देश के स्वाभिमान का ध्वज हैं... इसे कभी भी झुकने नहीं देंगे।'
गौरतलब है कि 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज में प्रवासी मजदूरों, छोटे किसानों, छोटे कारोबारियों एवं स्ट्रीट वेंडर्स को मदद पहुंचाने के लिए पहल की गई है। वित्त मंत्री ने गुरुवार को कहा कि अगले दो महीने तक सरकार सभी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त खाद्य अनाज की आपूर्ति करेगी।
सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए खोला 'राहत का पिटारा'
ऐसे लोग जिनके पास कोई कार्ड नहीं है उन्हें दो महीने तक प्रति व्यक्ति पांच किलो गेहूं/चावल और प्रति परिवार एक किलो चना दो महीने तक दिया जाएगा। इस मुफ्त अनाज आपूर्ति पर सरकार 3500 करोड़ रुपए खर्च कर रही है और इससे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को फायदा पहुंचेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि शहरों में प्रवासी मजदूरों को सस्ता मकान किराए पर उपलब्ध कराने के लिए एक योजना शुरू करेगी। इसके लिए पीपीपी मॉडल के तहत शहरों में आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा 23 राज्यों में अगस्त 2020 से वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया जाएगा। इससे 67 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे।
प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ते घर की योजना सरकार बना रही है वहीं अगस्त 2020 से एक देश एक राशन कार्ड योजना लागू होगी, 2.33 करोड़ मजदूरों को मनरेगा के तहत कार्य दिया जाएगा। जुलाई तक 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को राशन के लिए 3,500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।न्यूनतम मजदूरी पहले ही 182 से बढ़ाकर 202 रुपये की जा चुकी है।
प्रवासी मजदूरों की आजीविक पर संकट खड़ा हो गया है
बता दें कि देश में आर्थिक गतिविधियां ठप होने से इसका नकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर तो पड़ा ही है। देश भर में प्रवासी मजदूरों की आजीविक पर संकट खड़ा हो गया है। काम-धाम बंद हो जाने की वजह से लाखों प्रवासी मजदूरों के पास कोई काम नहीं है। ये मजदूर अपने-अपने गृह राज्य के लिए रवाना हो गए हैं।
इन मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना राज्य सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है क्योंकि लॉकडाउन की वजह से उनके यहां उद्योग धंधे बंद हैं। ऐसे में राज्य में पहुंचने वाले नए मजदूरों के लिए रोजगार का सृजन करना एक बड़ी समस्या है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठकों में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठाया।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रवासी मजदूरों के रोजगार संकट को दूर करने के लिए बड़ी योजना तैयार की है। योगी सरकार ने 20 करोड़ प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का प्रारूप बनाया है। पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ रुपए के इस पैकेज में राज्यों के लिए आर्थिक मदद शामिल हो सकती है। आने वाले दिनों में वित्त मंत्री इस बारे में घोषणा कर सकती हैं।
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