Punjab: कृषि कानून के जरिए राहुल का कटाक्ष, यह मोदी नहीं बल्कि अंबानी और अडानी की सरकार

देश
किशोर जोशी
Updated Oct 04, 2020 | 18:39 IST

Kheti Bachao Yatra: कांग्रेस की 'खेती बचाओ यात्रा' में शिरकत करने पंजाब के मोगा पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर हमला बोला है।

Rahul Gandhi says When Congress party come to the power, we will scrap these three Fram laws
जिस दिन सत्ता में आए, खत्म कर देंगे तीनों कृषि कानून: राहुल 
मुख्य बातें
  • कृषि कानूनों के खिलाफ राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के खिलाफ बोला हमला
  • जिस दिन कांग्रेस सत्ता में आई तो उस दिन तीनों काले कानून को खत्म कर देगी- राहुल
  • हाथरस की घटना का जिक्र कर यूपी सरकार को भी राहुल ने लिया निशाने पर

मोगा (पंजाब): कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्र द्वारा लागू नये कृषि कानूनों के खिलाफ मोगा में आयोजित 'खेती बचाओ यात्रा' में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानूनों का जमकर विरोध किया और कहा कि जिस दिन कांग्रेस सत्ता में आएगी तो इन कानूनों को कूड़ेदान में डाल दिया जाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि वे किसानों को गारंटी देना चाहते हैं कि जिस दिन कांग्रेस सत्ता में आई उस दिन इन तीनों काले कानून को खत्म कर देगी।

हाथरस का किया जिक्र

यूपी के हाथरस की घटना का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'कल मैं UP में था,उधर हिन्दुस्तान की एक बेटी को मार दिया गया और जिन लोगों ने मारा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई और जिस परिवार की बेटी को मारा गया उनको अपने घर के अंदर बंद कर दिया गया। DM ने उनको धमकाया,मुख्यमंत्री ने धमकाया, ये है हिन्दुस्तान की हालत।'

अमरिंदर सिंह भी हुए शामिल

 इस दौरान कांग्रेस पार्टी की खेती बचाओ यात्रा में राहुल गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी के राज्य प्रमुख सुनील जाखड़ भी ट्रैक्टर रैली में शामिल हुए। राहुल ने कहा, 'कोविड के समय इन 3 कानूनों को लागू करने की क्या जरूरत थी? कानून लागू करने थे तो लोकसभा, राज्यसभा में बातचीत करते। PM कहते हैं कि किसानों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं, अगर किसानों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं तो लोकसभा, राज्यसभा में खुलकर बात क्यों नहीं की।'

राज्य के पूर्व मंत्री और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू भी मोगा में हैं, जो पिछले कुछ समय से कांग्रेस की सभी गतविधियों से दूरी बनाकर चल रहे थे। ‘खेती बचाओ यात्रा’ के नाम से निकाली जा रही ट्रैक्टर रैलियां करीब 50 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करेगी और विभिन्न जिलों तथा निर्वाचन क्षेत्रों से गुजरेंगी।


किसानों को आशंका
किसानों को आशंका है कि केंद्र द्वारा किए जा रहे कृषि सुधार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को समाप्त करने का रास्ता साफ होगा और वे बड़ी कंपनियों की ‘दया’ पर आश्रित रह जाएंगे।हालांकि, सरकार का कहना है कि एमएसपी प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि हाल में तीन विधेयकों- ‘कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2020’, ‘किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन’ अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक 2020 और ‘आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक-2020’ को पारित किया।

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