नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शुक्रवार को अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स से कोविड-19 संकट पर बात की। बातचीत में हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय में डिप्लोमेसी एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध के प्रोफेसर ने कांग्रेस नेता के साथ बातचीत में कोविड-19 संकट की वजह से दुनिया की व्यवस्था में होने जा रहे बदलावों पर अपने विचार व्यक्त किए। राहुल ने कहा कि भारत और अमेरिका की साझेदारी इसलिए रंग लाती है क्योंकि दोनों जगहों की व्यवस्था में सहिष्णुता के लिए जगह है।
दोनों देशों की सहिष्णुता में आई कमी-राहुल
अमेरिकी राजनयिक के साथ बातचीत में राहुल ने कहा, 'आपने बताया कि आपका देश अप्रवासियों से बना है। हमारा देश काफी सहिष्णु है। सहिष्णु होना हमारे डीएनए में है लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि वह डीएनए जो सबकी बात करता है उसमें थोड़ी कमी आई है। भारत और अमेरिका में सहिष्णुता का जो स्तर पहले था, वह अब मुझे नजर नहीं आती।'
कुछ दिनों पहले राहुल ने रघुराम राजन से की बात
कांग्रेस नेता ने कुछ दिनों पहले कोविड-19 संकट की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव को जानने के लिए आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बातचीत की। उन्होंने कोरोना वायरस बीमारी के बारे में दुनिया के प्रतिष्ठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों से भी चर्चा की है।
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर निकोलस ने दी प्रतिक्रिया
अपने देश में पुलिस हिरासत में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की हुई मौत के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए निकोलस ने कहा कि यह 'भयावह' है। उन्होंने कहा, 'अमेरिका के पिछले 100 वर्षों के इतिहास में मार्टिन लूथर किंग जूनियर सबसे महान व्यक्ति है। उन्होंने शांति एवं अहिंसक तरीके से आंदोलन चलाया। उनके आध्यात्मिक आदर्श महात्मा गांधी थे। किंग ने एक बेहतर देश बनाने में मदद की। हमने अफ्रीका-अमेरिकी मूल के बराक ओबामा को राष्ट्रपति चुना। इसके बाद भी आपका सामना नस्लीय हिंसा से होता है। आप अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिकों के साथ बुरा बर्ताव होते देखते हैं।'
अमेरिकी राजनयिक ने आगे कहा, 'देशों को कभी-कभी चर्चा करनी चाहिए। हम लोग कौन हैं? हम किस तरह के देश में रहते हैं? इस पर एक राजनीतिक चर्चा करनी चाहिए। हम एक अप्रवासी एवं सहिष्णु देश हैं।'
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