नई दिल्ली : कोविड-19 के प्रकोप और लॉकडाउन के चलते देश की सभी गतिविधियां ठप हैं। परिवहन के सभी साधनों रेल, बस और विमान सेवाओं को निलंबित किया गया है लेकिन देर-सबेर ये सभी सेवाएं कुछ प्रतिबंधों के साथ शुरू होंगी। ऐसे में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क रखने वाले भारत में भी यह सेवा पटरी पर लौटनी शुरू होगी। रेलवे अपनी सेवा शुरू करने विकल्पों को खंगालने में जुटा है। रेलवे उन इलाकों में विशेष ट्रेनें चलाने की सोच रहा है जो हॉटस्पॉट जोन में शामिल नहीं हैं। इन खास ट्रेनों में मिडिल बर्थ को खाली रखने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही इन ट्रेनों में अनारक्षित यात्रियों को यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि रेलवे बोर्ड के प्रमुख वीके यादव ने रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के साथ हुई एक वीडियो मीटिंग में संकेत दिया कि सरकार की योजना देश को तीन जोन-रेड, येलो और ग्रीन में बांटने की है। रेड जोन में कोई परिवहन सेवा नहीं चलेगी, जबकि येलो जोन में शर्तों एवं प्रतिबंधों के साथ और ग्रीन जोन में सेवा पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
सूत्र का कहना है कि देश में रेल सेवा शुरू करने के बारे में अभी फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है लेकिन रेल सेवा शुरू करने के बारे में अधिकारी कई विकल्पों के बारे में चर्चा कर रहे हैं। अधिकारी कुछ विकल्पों को पहले से तैयार कर लेना चाहते हैं ताकि सरकार जब देश में रेल सेवा शुरू करने का विचार रखे तो वे उसके समक्ष अपने विकल्प पेश कर सकें। रेल अधिकारी अपने विकल्पों को तैयार करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रख रहे हैं।
सूत्र का कहना है कि रेल अधिकारी कोविड-19 संक्रमण की संख्या में भारी कमी होने तक कोच के मिडिल बर्थ को अलॉट न करने और ट्रेन में खाने की सुविधा न देने के प्रावधानों पर विचार कर रहे हैं। इसके अलावा रेलवे समयसारिणी के हिसाब से चलने वाली सभी ट्रेनों को रद्द किया जा सकता है और इस दौरान केवल विशेष ट्रेनें ही चलेंगी। कोविड-19 संक्रमित मरीजों को ट्रेन में सवार होने से रोकने के लिए रेलवे स्टेशनों के सभी प्रवेश की जगहों पर थर्मल स्क्रीनिंग हो सकती है। साथ ही 60 से ऊपर आयु सीमा वाले यात्रियों पर रोक लगाई जा सकती है। यात्रा के दौरान सभी यात्रियों के लिए मास्क पहनना जरूरी किया जा सकता है। मास्क के न होने पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ उन्हें यात्रा करने से रोका जा सकता है।
सूत्र का कहना है कि इन विशेष ट्रेनों में अनारक्षित यात्रियों को यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी। अधिकारियों का मानना है कि इससे ट्रेन के सभी यात्रियों को ट्रैक करने में मदद मिलेगी। कोविड-19 के प्रकोप के खिलाफ लड़ाई में रेलवे बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहा है। उसने अपने कोच को क्वरंटाइन सेंटर्स में तब्दील किया है। उसने करीब छह लाख मास्क और 40,000 लीटर सेनिटाइजर तैयार किए हैं।
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