नई दिल्ली: सुपरस्टार रजनीकांत ने हाल ही में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का समर्थन किया था। लेकिन अब दिल्ली में फैली हिंसा के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है। अभिनेता ने कहा है कि हिंसा 'खुफिया विफलता' का परिणाम हैं। चेन्नई में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से यह केंद्र सरकार की खुफिया विफलता है। मैं केंद्र सरकार की कड़ी निंदा करता हूं। हिंसा से कड़ाई से निपटना चाहिए था।'
उन्होंने कहा, 'दिल्ली में हो रहे सभी विरोध प्रदर्शन खुफिया विफलता के कारण हैं। मैं इसकी निंदा करता हूं। जब ट्रंप जैसा नेता देश में होता है, तो खुफिया को अधिक सतर्क रहना चाहिए था। इंटेलिजेंस ने अपना काम ठीक से नहीं किया। कम से कम अब मैं उनसे सतर्कता की उम्मीद करता हूं। यदि वे हिंसा को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।'
रजनीकांत ने कहा, 'अगर यह खुफिया विफलता है, तो यह गृह मंत्रालय की भी विफलता है। मैं उन लोगों और राजनीतिक दलों की कड़ी निंदा करता हूं जो चुनावी लाभ के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर केंद्र सरकार सही तरीके से नहीं निपट रही है, तो भविष्य मुश्किल में पड़ जाएगा।'
कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और अन्य नेताओं के भड़काऊ भाषणों पर उन्होंने कहा, 'एक व्यक्ति द्वारी की गईं टिप्पणियों के लिए आप पूरे राजनीतिक दल को बदनाम नहीं कर सकते।'
रजनीकांत बोले- अगर CAA से मुसलमान प्रभावित होते हैं तो..
CAA को लेकर उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों में सीएए पारित किया गया। मुझे नहीं लगता कि इसे निरस्त किया जाएगा क्योंकि इसे संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया है। जब मैंने सीएए के समर्थन में बोला था, तो लोगों ने मुझे भाजपा का मुखपत्र कहा। उन टिप्पणियों से मुझे दुख होता है। मैंने कहा कि अगर मुसलमान सीएए से प्रभावित होते हैं, तो मैं उनके लिए खड़ा रहूंगा।
रजनीकांत ने आगे कहा, 'केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने एनआरसी को लागू नहीं किया है और इस पर भ्रम पैदा करने का कोई मतलब नहीं है। विरोध प्रदर्शन हिंसक नहीं होना चाहिए।'
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