नई दिल्ली : आने वाले समय में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) द्वारा नियमों के कथित उल्लंघन की जांच के लिए एक अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया है। सरकार ने बुधवार को बताया कि यह समिति राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से कथित रूप नियमों के उल्लंघन की जांच करेगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक एमएचए ने अपने एक बयान में कहा, ''राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयकर कानून, पीएमएलए के विभिन्न कानूनी प्रावधानों का कथित रूप से उल्लंघन किए जाने की जांच अंतर-मंत्रालयी समिति करेगी।' मंत्रालय ने आगे कहा कि इस अंतर-मंत्रालयी समिति की अगुवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के स्पेशल डाइरेक्टर करेंगे।
भाजपा ने नियमों के उल्लंघन के लगाए हैं आरोप
बता दें कि राजीव गांधी फाउंडेशन की चेयरमैन सोनिया गांधी हैं और आरजीएफ के बोर्ड में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता जेपी नड्डा ने पिछले महीने आरजीएफ को मिले चंदे एवं दान पर सवाल खड़े किए। नड्डा ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में आरजीएफ ने साल 2005 से साल 2009 के बीच चीन से अनुदान प्राप्त किए। भाजपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि साल 2005 से 2009 के बीच आरजीएफ को प्रत्येक साल चीन के दूतावास और 'टैक्स हैवन' लग्जमबर्ग से चंदा मिलता रहा। नड्डा ने इन अनुदानों पर कांग्रेस से जवाब मांगा।
भाजपा के आरोपों को कांग्रेस ने खारिज किया
वहीं, गलत तरीके से अनुदान प्राप्त करने के भाजपा के आरोपों को कांग्रेस ने सिरे से खारिज किया। कांग्रेस ने अपने एक बयान में कहा कि चीनी दूतावास से मिले चंदे को दिव्यांग जनों के कल्याण में खर्च किया गया। जबकि पीएमआरएफ के तहत भेजी गई राशि का इस्तेमाल सूनामी राहत कार्य में लगाया गया। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि चीनी दूतावास से मिले 1.45 करोड़ रुपए को आरजीएफ ने दिव्यांग जनों के कल्याण में और भारत-चीन संबंधों पर शोधकार्य में लगाया।
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