लद्दाख : लद्दाख के रेजांग ला में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक वॉर वेटरेन को विशेष रूप से सम्मान दिया। उन्होंने 1962 की लड़ाई में चीन के खिलाफ बहादुरी के साथ लड़ने वाले 13 कुमाऊं रेजिमेंट के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरवी जतार को व्हीलचेयर पर लेकर युद्ध स्मारक तक गए। इस अवसर पर उनके साथ चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ सीडीएस जनरल बिपिन रावत थे। लद्दाख के रेजांग ला में युद्ध स्मारक को नए सिर से तैयार किया गया है, रक्षा मंत्री इस स्मारक का उद्घाटन करने के लिए गुरुवार को यहां पहुंचे। खास बात यह है कि जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद होने वाले भारतीय जवानों के नाम भी इस स्मारक में जोड़ा गया है। 1962 में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच रेजांग ला में भीषण लड़ाई हुई थी।
रेजांग ला की लड़ाई में भारत के 120 जवानों की वीरता एवं पराक्रम को आज भी याद किया जाता है। 18000 फीट की ऊंचाई पर भारत के 120 सैनिकों ने 1300 चीनी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए। चीन रेजांग ला पर कब्जा करना चाहता था लेकिन कुमाऊं रेजिमेंट की चार्ली कंपनी ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। रेजांग ला की लड़ाई में मेजर शैतान सिंह ने गजब का शौर्य दिखाया। वह अपनी अंतिम सांस तक दुश्मन से लड़ते रहे। मेजर शैतान सिंह की बहादुरी एवं पराक्रम के लिए उन्हें मरणोपरांत परमबीर चक्र से सम्मानित किया गया।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि स्मारक का उद्घाटन करने के बाद, रक्षा मंत्री क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी करेंगे। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे रेजांग ला में कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए हैं। सेना प्रमुख इन दिनों इजरायल की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं।
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