नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी। भूमि पूजन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान नौ शिलाओं की पूजा की गई और मोदी ने मंदिर की नींव की मिट्टी से अपने माथे पर तिलक लगाया।
आधारशिला रखने के बाद पूजन संकल्प के दौरान पुरोहित ने कहा कि किसी भी यज्ञ में दक्षिणा महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज इतनी बड़ी दक्षिणा दे दी है कि अरबों का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। भारत तो हमारी ही है, उससे ऊपर और कुछ दें। कुछ समस्याएं हैं, उन समस्याओं को दूर करने का संकल्प तो लिए हुए हैं, 5 अगस्त में कुछ और जुड़ जाए तो भगवान की कृपा होगी।
इससे पहले, पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से अयोध्या पहुंचे जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। भूमि पूजन से पहले पीएम हनुमानगढ़ी स्थित मंदिर पहुंचे और राम मंदिर निर्माण के लिए हनुमान जी से आशीर्वाद मांगा। मंदिर में कुछ समय पूजा-अर्चना करने के बाद मोदी राम जन्मभूमि क्षेत्र के लिए रवाना हुए और वहां पहुंचकर भगवान राम को दंडवत प्रणाम किया।
इसके बाद भूमि पूजन समारोह हुआ।
त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है: मोदी
भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी ने कहा, 'आज पूरा भारत भावुक है सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। करोड़ों लोगों को आज ये विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीते-जी इस पावन दिन को देख पा रहे हैं। बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सब लोगों को आज नमन करता हूं, उनका वंदन करता हूं।'
ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है: PM
पीएम मोदी ने कहा कि श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। आप भगवान राम की अद्भूत शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट हो गईं। क्या कुछ नहीं हुआ, अस्तित्व मिटाने का हर प्रयास हुआ। लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति के आधार हैं। आज का ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है।
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