नई दिल्ली: कृषि कानूनों व अन्य मांगों को लेकर किसानों को एक साल से भी लंबे समय तक चला आंदोलन अब खत्म हो चुका है। इस आंदोलन खत्म होने से सबसे ज्यादा राहत की सांस दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों ने ली है जिन्हें सड़कों पर चलने में लंबे जाम का सामना करना पड़ रहा था। गाजीपुर हो या टिकरी या फिर सिंघू बॉर्डर, हर जगह सड़क बंद होने की वजह से यहां रहने वाले लोगों के लिए दिक्कतें बढ़ गईं थी और उन्हें रोड बंद होने की वजह से लंबा सफर तय करना पड़ रहा था।
चूंकि अब आंदोलन खत्म हो चुका है इसलिएदिल्ली की सीमाओं से लगती सड़कें, जो बंद थीं, अब आप उनसे होकर फिर से गुजर सकेंगे। हालांकि अभी भी हाइवे पर गाड़ियां दौड़ाने में 15 से 20 दिन लग सकते हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे नेशनल हाइवे 24 पर किसान बीते एक साल से बैठे हुए हैं जो 15 दिसंबर तक अपने घर की ओर रवाना हो जाएंगे। लेकिन इसके बाद भी एनएच 24 आम नागरिकों के लिए अभी नहीं खुल सकेगा।
दरअसल, एनएच 24 पर जिस जगह किसान बैठे हुए हैं, उस जगह का एक साल से अधिक समय से निरीक्षण नहीं हो सका है, इसके अलावा फ्लाईओवर पर दरारें भी पड़ गई हैं, जिन्हें ठीक करना बाकी है। किसानों के चले जाने के बाद सबसे पहले उस इलाके को पुलिस अपने नियंत्रण में लेगी और नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी व कर्मचारी निरीक्षण करेंगे और जो खामियां निकलेंगी, उन्हें दुरुस्त किया जाएगा। इसके अलावा सब कुछ ठीक होने के बाद ही गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई जाएगी।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने आईएएनएस को बताया, 'अभी किसानों के जाने के बाद हम उस जगह का निरीक्षण करेंगे, उसके बाद रिपेयरिंग भी करना है, नेशनल हाइवे के एक्सपर्ट जाकर चेक करेंगे, रिपोर्ट बनाएंगे।' उन्होंने कहा, "कब तक सड़क खोल पाएंगे, यह हाइवे के हालात को देखकर पता चलेगा। अंदाजन, अभी कम से कम 15-20 दिन बाद ही सड़क खुल पाएगी। जब सभी खामियां पूरी हो जाएंगी, तब जनता के लिए इसे खोल दिया जाएगा।"
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