शिमला : देश की संसद में राष्ट्रपति के और विधानमण्डलों में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन में कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए। यह प्रस्ताव लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में राज्यों के विधानमण्डलों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मलेन में पास हुआ है। इस सम्मेलन में सहमति बनी है कि विधानमण्डलों को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी पीठासीन अधिकारियों, विधायकों और सांसदों की है। इस प्रस्ताव को एक पहल के तौर पर देखा जा रहा है जब संसद और विधानसभाओं में हंगामे चलते सदन की कार्रवाई नहीं हो पाती है।
16 से 19 नवम्बर तक शिमला में हो रहे 'अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन' में कुल 11 प्रस्ताव पेश हुए। इन प्रस्तावों को सभी राज्यों के विधानसभा और विधानसभा परिषद में लागू करने की कोशिश की जाएगी। इस सम्मेलन में पास हुए प्रस्तावों की जानकारी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी सदस्यों को दी। सम्मेलन में पास हुए प्रस्ताव हैं :
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