नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार को भुवनेश्वर में RSS की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक के उद्घाटन अवसर पर कहा कि संघ समाज को संगठित करने का काम कर रहा है। इस दौरान उन्होंने का कहा विश्व में मुस्लिम कहीं सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं तो वह है भारत में। संघ प्रमुख के अलावा इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न बुद्धिजीवी और संघ प्रचारक भाग ले रहे हैं।
संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा, ' लोगों को लगता है कि अंग्रेजों के आने से हमारी उन्नति हुई जो गलत है। हम सोसायटी की स्थापना तब भी कर सकते थे अगर गोरे लोग हमारे बीच में नहीं आते तो। वेदों के आधार पर कर सकते थे। हमारी परंपरा क्या है, हमारी एकता का आधार क्या है और हमारा राष्ट्र कौन सा है, इसके बारे में समान धारा अपने देश में सर्वत्र विद्यमान थी।
मोहन भावगत ने आगे कहा, 'अंग्रेजों की राजनीति के निकट जाकर उसको जिन लोगों ने छुआ अथवा द्वितीय महायुद्ध के बाद जो राजनीतिक समीकरण बदले, उनमें जिनके स्वार्थ उभरकर आए उनकी भाषा अलग हो गई स्वार्थ के कारण। वरना सबके लिए हम हिंदुओं का देश है, हिंदू राष्ट्र है। हिंदू किसी पूजा का नाम नहीं, भाषा का नाम नहीं, किसी प्रांत प्रदेश का नाम नहीं बल्कि हिंदू एक संस्कृति का नाम है जो भारत में रहने वाले सभी लोगों की सांस्कृतिक विरासत है।'
हिंदू संस्कृति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'वो संस्कृति एक विशिष्टपूर्ण विविधताओं का सम्मान करने वाली संस्कृति है जो दुनिया में एकमात्र है। इसलिए विश्व का हर देश जब भी दिगभ्रमित होकर लड़खड़ाया, सत्य की पहचान करने इस धरा के पास आया... यहां का इतिहास है कि मारे-मारे यहूदी फिरते थे, अकेला भारत है जहां उनको आश्रय मिला। पारसियों की पूजा मूल धर्म सुरक्षित केवल भारत में है। विश्व में सर्वाधिक सुखी मुसलवान भारत में मिलेगा। ये क्यों है? क्योंकि हम हिंदू हैं। इसलिए हमारा हिंदू देश है, हिंदू राष्ट्र है।'
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