नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार को कहा कि मीडिया में संगठन को सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में पेश किया जाता है, जो बिलकुल सच नहीं है।उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से महामारी के बाद के युग में यह विश्व गुरु बनने की क्षमता रखता है।
भागवत ने पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, "मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में संदर्भित करता है, लेकिन यह असत्य है। हालांकि, हमारे कुछ कार्यकर्ता निश्चित रूप से सरकार का हिस्सा हैं। सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है। लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है। उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है।'
चिकित्सा में प्राचीन भारतीय पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा, 'हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे कि काढ़ा, क्वाथ और आरोग्यशास्त्र के माध्यम से देखा गया। अब, दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है। हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है।'
आरएसएस प्रमुख ने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशीआक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी। उन्होंने समाज सुधारक डा.बी आर आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा, 'हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं।' सूत्रों ने कहा कि भागवत हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर हैं और वह तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात कर सकते हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।