नई दिल्ली : देश अभी कोरोना की दूसरी लहर से उबरा नहीं है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ एवं एजेंसियां महामारी की तीसरी लहर के बारे में आगाह कर रही हैं। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार आरके धवन भी कह चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र एवं राज्य सरकारें तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में जुटी हैं। इस बीच, एसबीआई इकोरैप ने अंतरराष्ट्रीय अनुभवों का हवाला देते हुए मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर, दूसरी लहर की तरह ही घातक हो सकती है। एसबीआई का कहना है कि तीसरी लहर देश में 98 दिनों तक रह सकती है।
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में है भारत
रिपोर्ट में अनुमान लगाते हुए कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर की तीव्रता दूसरी लहर की भयावहता से ज्यादा भिन्न नहीं रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि बेहतर तैयारी से महामारी से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 'शीर्ष देशों में कोरोना की तीसरी लहर का औसत समय 98 दिन और दूसरी लहर का 108 दिन है।' एसबीआई की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब भारत कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी कर रहा है।
पहली लहर से ज्यादा गंभीर साबित हुई है दूसरी लहर
भारत में कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से ज्यादा घातक और गंभीर साबित हुई है। हालांकि, यह अब कमजोर पड़ने लगी है। महामारी की दूसरी लहर में एक दिन में 4.14 लाख लोग संक्रमित हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण की संख्या बढ़कर 2,83,07,832 हो गई है। महामारी से अब तक देश में 3,35,102 लोगों की जान गई है। देश में एक्टिवट केस की संख्या 17,93,645 है और अब तक 21,85,46,667 लोगों को टीके की खुराक दी जा चुकी है।
संक्रमण के लिहाज से मई का महीना भारी रहा है
संक्रमण के लिहाज से मई का महीना भारत के लिए बहुत भारी रहा। इस महीने में कोरोना संक्रमण के करीब 90.3 लाख केस सामने आए। यह दुनिया में एक महीने में संक्रमण की सर्वाधिक संख्या है। हालांकि, मई के मध्य से संक्रमण के आंकड़ों में तेजी से कमी आनी शुरू हुई है। अप्रैल के महीने में देश में संक्रमण के करीब 69 लाख केस सामने आए। जबकि अकेले मई महीन में कोरोना से देश में 1.2 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई।
तीसरी लहर में मौतों की संख्या 40,000 पर लाई जा सकती है
रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी लहर में मौतों की संख्या 40,000 पर लाई जा सकती है। स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि और आक्रामक टीकाकरण अभियान चलाकर मौतों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इस समय भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है। अभी तक करीब 12.3 प्रतिशत लोगों को कोरोना टीके की एक खुराक और करीब 3.27 फीसदी लोगों को वैक्सीन के दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। सरकार मध्य जुलाई अथवा अगस्त की शुरुआत से रोजाना एक करोड़ टीका लगाने का लक्ष्य बना रही है।
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