कोरोना का प्रकोप : पैरोल पर रिहा किए जाएंगे कैदी, SC ने कहा- जेलों के हाल पर है नजर

भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बीते कुछ दिनों में तेजी से फैला है। वायरस से संक्रमण की संख्या बढ़कर सोमवार को 415 हो गई है। इस वायरस की चपेट में आने से देश में अब तक 7 लोगों की जान जा चुकी है।

 SC mulling releasing on parole for six weeks all convicts due to coronavirus threat
भारतीय जेलों में है कैदियों की बड़ी संख्या। 
मुख्य बातें
  • भारतीय जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को रखा जाता है
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जेल में कैदियों की संख्या पर है उसकी नजर
  • कैदियों में कोरोना वायरस न फैले इसे सुनिश्चित करना कौर्ट की जिम्मेदारी

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण का असर सुप्रीम कोर्ट सहित देश की अदालतों के कामकाज पर पहले ही हो चुका है। अब शीर्ष अदालत उन सभी कैदियों को छह सप्ताह का पैरोल देने पर विचार कर रही है जिनके खिलाफ मामलों की अभी सुनवाई चल रही है और जिन्हें सात वर्ष से कम सजा हुई है। कोर्ट ने कहा कि कैदियों को रिहा करने का जिम्मा राज्य सरकारों को देना है या संबंधित राज्य के हाई कोर्ट को, इस बारे में वह शीघ्र फैसला करेगा। कोर्ट ने बताया कि जेलों में कैदियों की संख्या का मामला उसके ध्यान में लाया गया है। इसे देखते हुए कैदियों में कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले, इसे सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी बनती है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक राज्य ने अपने यहां जेलों में कैद बंदियों पर रिपोर्ट सौंपी है। कोर्ट ने कहा, 'हमने राज्य सरकारों को विधि सचिव एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन को मिलाकर एक उच्चाधिकार समिति गठित करने का निर्देश दिया है। यह समिति यह देखेगी कि किस तरह के कैदियों को पैरोल या जमानत पर रिहा किया जा सकता है।'

बता दें कि भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बीते कुछ दिनों में तेजी से फैला है। वायरस से संक्रमण की संख्या बढ़कर सोमवार को 415 हो गई है। इस वायरस की चपेट में आने से देश में अब तक 7 लोगों की जान जा चुकी है। देश के 75 जिलों में लॉकडाउन घोषित किया गया है। लेकिन कुछ जगहों पर सरकार के निर्देशों की अवहेलना करते हुए भी लोग पाए गए हैं जिस पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि जो कोई भी उसके दिशा-निर्देशों का पालन करता न दिखे वे उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से लॉकडाउन के उपायों को गंभीरता से लेने की अपील की है। 

गत रविवार को देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक 'जनता कर्फ्यू' में लोगों का सहयोग मिला। पीएम मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में लोगों से कहा था कि कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान में जुटे 'वीर सैनिकों' का सम्मान ताली, थाली और घंटी बजाकर करें। पीएम की अपील को लोगों ने गंभीरता से लिया और शाम पांच बजे वे अपने घर की बालकीन एवं दरवाजे पर खड़े हुए। करीब आधे घंटे तक पूरे देश में ताली, थाली, शंख और घंटी बजाकर लोगों ने देश के नायकों का स्वागत किया।  

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