कोरोना रोधी वैक्सीन कोविशील्ड बनाने कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा कि हम दुनिया के 2 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से हैं, इतनी बड़ी आबादी के लिए टीकाकरण अभियान 2-3 महीनों के भीतर पूरा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसमें कई कारक और चुनौतियां शामिल हैं। पूरी दुनिया की आबादी को पूरी तरह से टीका लगने में 2-3 साल लगेंगे। साथ ही उसने कहा कि हमने भारत में लोगों की कीमत पर कभी वैक्सीन का निर्यात नहीं किया है।
उधर WHO के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने कहा है कि भारत में विनाशकारी कोविड-19 का प्रकोप कम होने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को वैक्सीन की आपूर्ति के लिए कोवैक्स प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होगा। कोवैक्स दुनिया भर में कोरोना वायरस वैक्सीन की आपूर्ति के लिए एक वैश्विक पहल है। WHO के महानिदेशक ने कहा कि दुनिया भर में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के चलते वैश्विक वैक्सीन आपूर्ति प्रभावित हुई है और कौवैक्स के पास पहले ही जून के अंत तक 19 करोड़ डोज की कमी है।
कोवैक्स यानी ग्लोबर कोविड वैक्सीन समता योजना, के तहत अब तक 124 देशों को 6.5 करोड़ वैक्सीन दी गईं, लेकिन यह उन देशों और विनिर्माताओं पर निर्भर है, जिन्हें अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करनी हैं।
घेब्रेयियस ने कहा कि एक बार जब भारत में विनाशकारी प्रकोप कम हो जाएगा, तो जरूरी है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया वापस पटरी पर लौटे और कोवैक्स के लिए अपनी आपूर्ति प्रतिबद्धताओं को पूरा करे।
संयुक्त राष्ट्र की बच्चों की एजेंसी यूनिसेफ ने भी कहा है कि भारत में कोरोना वायरस के मामलों में विनाशकारी वृद्धि के चलते कौवैक्स के तहत टीके की आपूर्ति प्रभावित हुई है।
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