नई दिल्ली: दिल्ली में शाहीन बाग एक चुनावी मुद्दा बन गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस चुनाव में शाहीन बाग को भुनाना चाहती है जबकि आम आदमी पार्टी इससे दूरी बनाकर चल रही है। शाहीन बाग मसले पर भाजपा आक्रामक है तो आप सतर्क। वह इस मुद्दे पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है और बयानबाजी करने में सावधानी बरत रही है। शाहीन बाग पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयानों से यही संकेत मिलता है। केजरीवाल का आरोप है भाजपा अपने चुनावी फायदे के लिए शाहीन बाग की सड़क खाली नहीं कराना चाहती क्योंकि ऐसा करने से उसका चुनावी मुद्दा समाप्त हो जाएगा।
केजरीवाल ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बुधवार को कहा, 'अभी, कौन सी पार्टी शाहीन बाग का सबसे ज्यादा फायदा उठा रही है? जाहिर है कि इससे सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को हो रहा है। इस चुनाव में शाहीन बाग को छोड़कर भाजपा के पास और कोई चुनावी मुद्दा नहीं हैा। शाहीन बाग में लोग एक सड़क को बाधित कर वहां धरने पर बैठे हैं और इससे यातायात प्रभावित हो गया है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। हमने अमित शाह से कई बार इस सड़क को खाली कराने की मांग की है।'
'भाजपा कर रही गंदी राजनीति'
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अपनी 'गंदी राजनीति' से दिल्ली के नागरिकों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अमित शाह देश के गृह मंत्री और इस समय सबसे ताकतवर व्यक्ति हैं। क्या वह एक सड़क खाली नहीं करा सकते? वह इसे खाली करा सकते हैं। कोई यह मान नहीं सकता कि अमित शाह एक सड़क खाली नहीं करा सकते लेकिन वह ऐसा करना नहीं चाहते। भाजपा 'गंदी राजनीति' कर रही है और इससे उसने दिल्ली के लोगों का जीवन कष्टपूर्ण बना दिया है। भाजपा जानता है कि यदि वह यह सड़क खाली करा देगी तो उसके पास कोई मुद्दा नहीं रहेगा। भाजपा केवल शाहीन बाग पर चुनाव लड़ रही है। वह लोगों का ध्यान विकास से भटकाकर इस तरफ रखना चाहती है।'
'मैं कुछ कर सकता तो जरूर करता'
इस सवाल पर कि दिल्ली का मुख्यमंत्री होते हुए उन्होंने शाहीन बाग मामले में दखल क्यों नहीं दी, इस पर केजरीवाल ने कहा, 'शाहीन बाग में मेरी कोई भूमिका नहीं है। यदि मैं कुछ कर सकने की स्थिति में होऊंगा तो तुरंत करूंगा। सीएए और एनआरसी के बारे में मैं कोई वादा नहीं कर सकता। मेरी कोई भूमिका नहीं है। मैं एक संवैधानिक पद पर हूं और मेरी एक सीमा है। दिल्ली के लोगों ने मुझे स्कूल, अस्पताल, बिजली, पानी और राशन के लिए चुना है। दिल्ली की कानून-व्यवस्था के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को वोट दिया है।'
शाहीन बाग में 15 दिसंबर से जारी है धरना
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में मुस्लिम महिलाएं गत 15 दिसंबर से धरने पर बैठी हैं। धरने के 50 से ज्यादा समय बीत गए हैं। इस धरने की वजह से कलिंदी कुजं-नोएडा मार्ग पर यातायात बाधित हो गया है और इससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। प्रदर्शनकारी महिलाएं सरकार से सीएए वापस लेने की मांग कर रही हैं।
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