आखिरकार शाहीन बाग प्रदर्शन पर पड़ा कोरोना का असर, जूतियां छोड़ धरनास्थल से उठीं महिलाएं

देश
लव रघुवंशी
Updated Mar 22, 2020 | 13:53 IST

Shaheen Bagh protest: आखिरकार शाहीन बाग प्रदर्शन पर भी कोरोना वायरस का असर दिखने लगा है। जनता कर्फ्यू के दिन धरनास्थल से महिलाएं उठ गई हैं और कुछ ही महिलाएं बैठी हैं।

Shaheen Bagh Protest
शाहीन बाग प्रदर्शन 

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाएं 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून (CAA), एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन पर बैठी हुई हैं। हाल ही में कोरोना के प्रकोप के बढ़ने के बाद लगातार कहा जाता रहा कि अब शाहीन बाग की महिलाओं को उठा जाना चाहिए। लेकिन महिलाओं ने अपना प्रदर्शन जारी रखा। हालांकि अब जब आज पूरा देश जनता कर्फ्यू के चलते घरों में कैद है तो शाहीन बाग से भी ऐसी तस्वीरें आई हैं जो बता रही हैं कि वहां भी प्रदर्शनकारियों की संख्या काफी कम हो गई है।

शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों की संख्या काफी कम हो गई है। कोरोना के चलते महिलाओं ने पहले धरनास्थल पर तख्त रख लिए थे ताकि कई महिलाएं एक साथ ना बैठ सकें। अब उन तख्तों पर महिलाएं की चप्पल और जूतियां रखी हुई हैं। इसके साथ ही लिखा हुआ है कि शाहीन बाग कोरोना वायरस से लड़ने को तैयार है। No CAA No NRC No NPR 

धरनास्थल पर अभी सिर्फ कुछ ही महिलाएं बैठी हैं। इससे पहले धरनास्थल के पास रविवार सुबह एक अज्ञात व्यक्ति ने पेट्रोल बम फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि घटना सुबह करीब 9.30 बजे सुबह हुई। पुलिस को घटनास्थल पर पेट्रोल से भरी करीब पांच-छह बोतलें मिली हैं। 

शाहीन बाग का प्रदर्शनकारी कोरोना से ग्रस्त
न्यूज एजेंसी IANS की खबर के अनुसार, शाहीन बाग के प्रदर्शन से जुड़े एक प्रदर्शनकारी में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। जहांगीरपुरी निवासी इस शख्स की बहन इसी महीने सऊदी अरब से आई है, जो संक्रमित पाई गई है। प्रदर्शनकारी तक संक्रमण उसकी बहन से ही फैला है। यह प्रदर्शनकारी सीएए के खिलाफ पिछले दिनों शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन में शामिल हुआ था। बहन के कोरोनावायरस से ग्रस्त पाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी और उसकी मां को भी एहतियातन दिल्ली गेट स्थित लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। अब इन दोनों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। 

निर्देशों का पालन कर रहे प्रदर्शनकारी
इससे पहले एक प्रदर्शनकारी ने कहा था, हम सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। पहले पंडाल के अंदर 500 लोग एक जगह मौजूद हुआ करते थे, वहीं अब केवल 40-50 महिलाएं एक साथ बैठती हैं। हमलोग अलग-अलग गुट बनाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई महिलाएं पंडाल के पीछे की ओर बैठी हैं। कुछ महिलाएं बस स्टॉप के आसपास तो कुछ महिलाएं सामने की ओर अलग जाकर बैठी हैं। हमलोगों ने यहां किसी भी एक स्थान पर 40-50 से ज्यादा की संख्या में एकत्र न होने का फैसला किया है। वहीं, एक अन्य प्रोटेस्टर ने कहा, हम लोग अपने साथ हैंड सैनिटाइजर लेकर आए हैं। हम अपने हाथों को बार-बार पानी से धो रहे हैं। हमने नाक और मुंह को भी ढककर रखा है, ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण यहां ना फैल सके। 


 

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