सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी, क्या कोरोना को दे रहे हैं न्यौता?

देश
किशोर जोशी
Updated Mar 19, 2020 | 15:00 IST

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए जहां लोग सोशल डिस्टेंसिंग की बात कर रहे हैं वहीं ठीक इसके उलट शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी कर रहे हैं।

Shaheen Bagh protesters defy govt's order amid of coronavirus crisis
सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी 
मुख्य बातें
  • कोरोना के बढ़ते खतरे के बावजूद भी जिद पर अड़े हैं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी
  • सरकार की अपील को कर रहे हैं नजरअंदाज, कोरोना के खतरे को दे रहे हैं न्यौता
  • शाहीन बाग में पिछले तीन महीने से भी ज्यादा समय से चल रहे हैं विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली: जहां एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस संक्रमण की समस्या से जूझ रहा है और लोगों से लगातार सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक एकांतवास) की अपील की जा रही है वहीं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी हैं कि मानने को तैयार नहीं हैं। पिछले तीन महीने से नागरिकता संशोधन के खिलाफ धरने पर बैठे इन प्रदर्शकारियों पर सरकार की अपील का कोई प्रभाव पड़ता नहीं दिख रहा है। 

दिल्ली सरकार के आदेश की अवहेलना

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने एलान किया कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 50 से अधिक लोगों की धार्मिक, पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक या सांस्कृतिक किसी भी तरह की सभा की 31 मार्च तक राष्ट्रीय राजधानी में अनुमति नहीं दी जाएगी। लेकिन शायद इस आदेश शाहीन बाग के लोगों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट को एक पत्र लिखकर कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर लोगों के एकत्रित होने के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

लगातार की जा रही है अपील

मंगलवार को इन प्रदर्शकारियों से पुलिस के अधिकारियो्ं ने बातचीत कर धरना समाप्त करने की अपील की थी लेकिन ये मानने को तैयार नहीं है। लोगों से लगातार अपील की जा रही है भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें क्योंकि पूरी दुनिया में कोरोना से बचने का सबसे कारगर तरीका जो सामने आया है वो सामाजिक एकांतवास, यानि सोशल डिस्टेंसिंग। खुद पीएम मोदी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल लोगों से भीड़ वाली जगहों से बचने की अपील कर चुके हैं।

सारा देश एक लेकिन शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी समझने को तैयार नहीं

 लेकिन देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो कोरोना के खतरे को नजरअंदाज कर रहे हैं और इसमें अपनी भूमिका को शून्य समझ रहे हैं। शाहीन बाग के प्रदर्शकारी भी उन्हीं लोगों में से एक हैं जो अंजाने में ही सही लेकिन देश के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।  जब पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट है और लगातार यह कोशिश कर रहा है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचा जाए ऐसे समय में ये प्रदर्शकारी ने केवल खुद को परेशानी में डाल रहे हैं बल्कि दूसरों के लिए भी मुसीबत खड़े कर रहे हैं।

तख्त का किया इंतजाम

 शाहीन बाग में पहले जमीन पर बैठकर धरना दिया जा रहा था लेकिन अब यहां बैठने के लिए तख्त या चौकी लगा दिए गए हैं। धरनास्थल पर 100 से अधिक तख्त लगाए गए हैं और हर तखत पर दो महिलाओं को बैठने की इजाजत दी गई है और हर तखत के बीचे दो मीटर की दूरी दी गई है। वहीं सैनिटाइजर और मास्क भी लोगों के बीच बांटे जा रहे हैं। इन सबके बीच एक सवाल उठता है कि आखिर इन सबकी पीछे से फंडिग कौन कर रहा है क्योंकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये लोगों का अपना प्रदर्शन है और कोई संस्था या राजनीतिक दल इसके पीछे नहीं है। 

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