चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शरद पवार के साथ एक के बाद एक तीन मुलाकातें हुई हैं। इन बैठकों को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर दोनों के बीच क्या खिचड़ी पक रही है? पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर ने 11 जून को मुंबई में शरद पवार के आवास पर उनसे मुलाकात की। इसके बाद दिल्ली में 21 जून को दोनों के बीच बातचीत हुई, फिर 23 जून को एक बार फिर से दोनों ने मुलाकात की।
इन मुलाकातों से सवाल उठता है कि क्या मोदी, राहुल गांधी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल जगन मोहन रेड्डी, एमके स्टालिन और ममता बनर्जी का चुनावी अभियान संभाल चुके प्रशांत किशोर अब शरद पवार के साथ काम करेंगे?
लेकिन यहां एक बड़ी बात सामने आ रही है। क्या प्रशांत किशोर अब बड़ी भूमिका में नजर आने वाले हैं?
बंगाल चुनाव पर PK ने की थी घोषणा
इन बातों को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि हाल ही में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की टीएमसी ने बीजेपी को चारों खाने चित कर राज्य में तीसरी बार सरकार बनाई है। बीजेपी ने इस बार पूरी ताकत से चुनाव लड़ा था और 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक समेत कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के कई बड़े नेता चुनाव में उतरे हुए थे। लेकिन बीजेपी 100 का भी आंकड़ा पार नहीं कर सकी। प्रशांत किशोर ने चुनाव से महीनों पहले घोषणा कर दी थी कि बीजेपी 100 से कम सीटें जीतेगी और अगर वो 100 से ज्यादा सीटें जीतती है तो वो जो काम कर रहे हैं, उसे करना छोड़ देंगे।
विपक्ष की सबसे बड़ी नेता ममता बनर्जी!
ऐसे में टीएमसी की जीत ने न सिर्फ ममता बनर्जी को बल्कि प्रशांत किशोर को भी भारतीय राजनीति में ऊंचा दर्जा दिलवाया है। ममता बनर्जी ने जिस तरह बंगाल चुनाव लड़ा और जीता उसके बाद वो एक फाइटर की रूप में उभरी हैं। इतना ही नहीं उन्हें वर्तमान में विपक्ष का सबसे बड़े नेता के रूप में भी देखा जा रहा है। ऐसे में कहीं ये कोशिशें तो नहीं हो रहीं कि 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष का चेहरा ममता बनर्जी हों और उनका मुकाबला मोदी से हो। 2019 लोकसभा चुनाव में ये बात बहुत उठी कि मोदी के सामने विपक्ष के पास कोई चेहरा ही नहीं है। ऐसे में इसी बात को ध्यान में रखते हुए अभी से 2024 की तैयारी की जा रही हो और मोदी के सामने ममता को खड़ा करने की बिसात बिछाई जा रही हो।
यशवंत सिन्हा भी हुए सक्रिय
इस बात को इससे भी बल मिलता है कि हाल ही में शरद पवार के आवास पर कई विपक्षी नेताओं की भी बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस के नेता शामिल नहीं हुए। इस बैठक का आयोजन राष्ट्र मंच के संस्थापक यशवंत सिन्हा ने किया, जो कि अभी टीएमसी में शामिल हुए हैं। इसे भी लेकर कई चर्चाएं हैं, और इसी से थर्ड फ्रंट की अटकलें लग रही हैं। जिस तरह से ममता बनर्जी के लिए काम करने वाले प्रशांत किशोर और टीएमसी के यशवंत सिन्हा सक्रिय हैं, उससे कहा जा सकता है कि भविष्य में ममता बनर्जी को राष्ट्रीय स्तर पर पेश करने की तैयारी हो रही है।
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