दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित की आज जयंती है। 31 मार्च 1938 में पंजाब के कपूरथला में जन्म लेने वाली शीला दीक्षित का निधन 20 जुलाई 2019 को हुआ। वह 15 साल यानी 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। 2013 दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, इसके बाद ही वो राजनीति में उतनी सक्रिय नहीं रहीं। हालांकि बाद में उन्होंने अन्य पद भी संभाले।
शीला दीक्षित 2014 में कुछ समय के लिए केरल की राज्यपाल भी रहीं। बाद में 2017 में उन्हें कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार भी बनाया, लेकिन बाद में पार्टी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया और अखिलेश को ही मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना। इसके बाद 2019 में वो फिर से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हुईं। उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। जुलाई 2019 में उनका निधन हो गया।
ऐसा रहा राजनीतिक करियर
शीला 1984 से 1989 तक यूपी के कन्नौज से सांसद रहीं। उन्होंने 1986-1989 के दौरान केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य किया। वो संसदीय कार्य राज्य मंत्री और बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री रहीं। बाद में वो दिल्ली की राजनीति में आ गईं और 1998 में कांग्रेस दिल्ली में सत्ता में आई और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। इसके बाद वो 15 साल तक दिल्ली की सीएम रहीं। 2013 में आम आदमी पार्टी का उभार हुआ और कांग्रेस चुनाव हार गई। 2013 में नई दिल्ली विधानसभा सीट से शीला के सामने अरविंद केजरीवाल खड़े हुए और वो जीत गए। 2019 में उन्होंने उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के मनोज तिवारी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन वो हार गईं।
आधुनिक दिल्ली की शिल्पकार
उनके कार्यकाल के दौरान दिल्ली में जमकर विकास के कार्य हुए। उन्हें आधुनिक दिल्ली का शिल्पकार भी कहा जाता है। शीला दीक्षित ने दिल्ली की तस्वीर बदलकर रख दी थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर चलने वाले वाहनों के लिए 150 से अधिक फ्लाईओवर की आवश्यकता थी। इनमें से अधिकांश फ्लाईओवर का निर्माण शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान ही करवाया गया। दिल्ली में सीएनजी की बसों से लेकर मेट्रो का जाल बिछाना, फ्लाईओवर्स से लेकर दिल्ली में हरियाली तक श्रेय उनको जाता है। दिल्ली में 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स की कामयाबी का श्रेय भी इन्हें जाता है।
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