CAA protests : सीताराम येचुरी, रामचंद्र गुहा सहित कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया

देश
Updated Dec 19, 2019 | 13:50 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

CAA protests : संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, जिस दौरान वाम दलों के कई नेताओं के साथ-साथ इतिहासकार रामचंद्र गुहा, योगेंद्र यादव, संदीप दीक्षित को भी हिरासत में लिया गया है।

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संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया है  |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्‍ली : संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशव्‍यापी प्रदर्शन जारी है। वाम दलों व अन्‍य संगठनों की अगुवाई में गुरुवार को बड़ी संख्‍या में लोग सड़कों पर उतरे, जिनमें से कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें वामपंथी पार्टियों के नेता डी राजा, सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, निलोत्पल बसु, वृंदा करात के अतिरिक्‍त स्‍वराज अभियान के योगेंद्र यादव, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी शामिल हैं।

वाम नेताओं को मंडी हाउस से हिरासत में लिया गया, जो यहां संशोध‍ित नागरिकता कानून के खिलाफ मार्च के लिए जमा हुए थे। वे मंडी हाउस से शहीदी पार्क तक शांति मार्च निकालने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही पुलि ने उन्‍हें हिरासत में ले लिया। वाम नेताओं के साथ-साथ करीब 200 लोगों को हिरासत में लिया गया। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित को भी मंडी हाउस से ही हिरासत में लिया गया। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें विरोध-प्रदर्शन के लिए लाल किला जाने की अनुमति नहीं मिली, जिसके बाद वह यहां पहुंचे। लेकिन उन्‍हें यहां भी हिरासत में ले लिया गया।

स्वराज अभियान प्रमुख योगेंद्र यादव को लाल किला के नजदीक हिरासत में लिया गया। यहां से सैकड़ों लोगों को निषेधाज्ञा के उल्लंघन मामले में हिरासत में लिया गया। इनके हाथों में नारे लिखी तख्तियां थीं। मार्च निकालने की कोशिश कर रहे लोगों को पुलिस बस में भरकर यहां से ले गई। प्रदर्शनकारियों में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख‍ालिद भी रहे, जिन्‍हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

उधर, इतिहासकार रामचंद्र गुहा को पुलिस ने बेंगलुरु में हिरासत में लिया। यहां टाउन हॉल में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे लोगों को पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में ले लिया। पुलिस ने जहां गुहा और अन्‍य प्रदर्शनकारियों को धारा 144 के उल्‍लंघन का दोषी बताया है, वहीं गुहा ने यह कहते हुए इसे 'अलोकतांत्रिक' करार देते हुए कहा कि लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन की अनुमति भी नहीं दी जा रही, जबकि यह नागरिकों का मौलिक अधिकार है।

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