नई दिल्ली: कोरोना काल में उत्तर प्रदेश में गंगा में तैरते शवों की तस्वीरें खूब वायरल हुईं। कई जगह शव गंगा के किनारे भी पाए गए और कई शव दफनाए भी गए। वहीं अब एक और घटना ने उत्तर प्रदेश के प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में रविवार को छह और शव गंगा में तैरते देखे गए। फतेहपुर सदर तहसील के उप-कलेक्टर (एसडीएम) प्रमोद झा ने बताया कि रविवार सुबह उन्हें नदी में शव तैरते होने की सूचना मिली। इसके बाद स्टीमर के जरिए गंगा नदी में तलाशी अभियान शुरू कर छह अज्ञात लोगों के शव निकाले गए।
उन्होंने बताया कि रविवार देर शाम चिकित्सकों के एक दल ने निर्धारित दिशा निर्देशों के अनुसार भिटौरा गंगा घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया है। शव दूर-दराज से बह कर आए हैं और कई दिन पुराने लग रहे थे। शवों की पहचान नहीं हो पाई है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश से ही एक कोविड रोगी के शव को नदी में फेंकने का वीडियो सामने आया। पीपीई सूट में दो लोगों में से एक, राप्ती नदी पर पुल पर एक शव को उठाते हुए दिखाई दे रहा था। पीपीई सूट पहने आदमी को शव के साथ छेड़छाड़ करते देखा जा सकता है । शायद वह बॉडी बैग से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा था। बलरामपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पुष्टि की है कि शव वास्तव में एक कोविड रोगी का था, और रिश्तेदार इसे नदी में फेंकने की कोशिश कर रहे थे। मृतक के परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज कर शव को वापस सौंप दिया गया है।
बलरामपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीवी सिंह ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मरीज को 25 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और तीन दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई। कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार, शव उसके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया। रिश्तेदारों ने शव को नदी में फेंक दिया। हमने मामला दायर किया है, और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस महीने की शुरूआत में, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में गंगा नदी के किनारे सैकड़ों शव बह गए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि शवों का उचित तरीके से निस्तारण किया जाए। इससे पहले गाजीपुर, बलिया, उन्नाव तथा कई अन्य जिलों में नदियों में बड़ी संख्या में शव बहकर आए थे।
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