नई दिल्ली: कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुरुवार को हुई बैठक में कोविड-19 के संकट पर चर्चा हुई। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोविड-19 की टेस्टिंग पर सरकार पर सवाल उठाए। सोनिया ने सरकार पर जरूरत के मुताबिक टेस्टिंग नहीं करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से निपटने में देश में मेडिकल पेशेवरों, पीपीई किट्स की आपूर्ति में कमी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग जरूरी है।
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'हमने प्रधानमंत्री से बार-बार यह आग्रह किया है कि टेस्टिंग, ट्रेसिंग और क्वरंटाइन का कोई विकल्प नहीं है लेकिन दुर्भाग्यवश टेस्टिंग की दर अभी भी कम है। कोरोना से निपटने के लिए पीपीई किट्स की जो आपूर्ति हुई है उसमें खामी पाई गई है और उनकी गुणवत्ता ठीक नहीं है।' बता दें कि भारत ने चीन से बड़ी मात्रा में रैपिड टेस्टिंग किट की खरीदारी की है लेकिन कई राज्यों ने इसमें दोष बताकर इसका इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। आईसीएमआर ने भी इस किट का इस्तेमाल करने पर फिलहाल रोक लगा दी है।
सोनिया गांधी ने कहा, 'ऐसे समय में जब सभी को एकजुट होकर कोविड-19 के खतरे से लड़ना है, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांप्रदायिकता एवं नफरत का वायरस फैला रही है। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हमें कुछ सफलताएं मिली हैं और हमें इनकी प्रशंसा करनी चाहिए। इस महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात लोगों का योगदान प्रशंसनीय है।' वहीं, मनमोहन सिंह ने कहा कि लॉकडाउन की सफलता और असफलता का आकलन तभी किया जा सकेगा जब यह पता चले कि कोविड-19 को फैलने से हम कितना रोक पाए।
कुछ दिनों पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडियाकर्मियों को संबोधित किया। इस बैठक में उन्होंने भी टेस्टिंग पर जोर दिया। उन्होंने लॉकडाउन को नाकाफी बताया और कहा कि यह एक थोड़े समय के लिए एक ठहराव की तरह है। कांग्रेस नेता ने गरीबों को वित्तीय मदद मुहैया कराने के लिए सरकार को सुझाव दिया। राहुल ने कहा कि उनके सुझावों को सकारात्मक तरीके से लिए जाने की जरूरत है। वह सरकार की आलोचना नहीं कर रहे हैं।
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