चीन के साथ रिश्तों पर बोले विदेश मंत्री जयंशकर-  दोनों देश के बीच संबंधों की स्थिति सीमा के हालात को दर्शाएगी

भारत औऱ चीन के बीच लंबे समय से गतिरोध चल रहा है। इस गतिरोध को कम और खत्म करने के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इसका अभी तक हल नहीं निकल सका है।

State of relationship will reflect state of border, EAM on ties with China
चीन के साथ रिश्तों पर विदेश मंत्री जयंशकर ने दिया बड़ा बयान 
मुख्य बातें
  • चीन के साथ रिश्तों पर विदेश मंत्री बोले- संबंधों की स्थिति सीमा की स्थिति को दर्शाएगी
  • भारत औऱ चीन के बीच लंबे समय से चल रहे हैं तनावपूर्ण संबंध
  • दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए हो चुकी है कई दौर की बैठक

नयी दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों की स्थिति सीमा के हालात को प्रदर्शित करेगी। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति होने पर संबंधों को जारी रखना कोई वास्तविक उम्मीद नहीं है और कहा कि ऐसा क्यों हुआ और यह क्या दर्शाता है जैसे प्रश्न पूरी तरह से वाजिब हैं।

फैल जाएगा तनाव

हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में एक संवाद सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच 'तनावपूर्ण, गतिरोध वाली सीमा' नहीं हो सकती है और अन्य क्षेत्रों में महान संबंध नहीं हो सकते हैं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह अपरिहार्य है कि यह (तनाव) एक तरह से फैल जाएगा, यह पहले से ही अन्य क्षेत्र में फैल चुका है। जब उम्मीद करते हैं हम इसे खास क्षेत्र तक रोक देंगे और शेष जीवन चलता रहेगा...मुझे लगता है यह यथार्थवादी नहीं है।’

 चीन द्वारा सीमा पर सुरक्षा बलों की तैनाती का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी देश ने प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया है। जयशंकर ने कहा, ‘सीमा पर बड़े पैमाने पर बलों की तैनाती के लिए बहुत, बहुत स्पष्ट प्रतिबद्धताएं थीं और उन प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन 2020 में किया गया।'

अफगानिस्तान पर कही ये बात

अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा सबसे अहम बात ये है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवादी और विदेशी लड़ाके दूसरे देशों को निशाना बनाने के लिए करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अफगानिस्तान में शासन की प्रकृति, क्या यह समावेशी होगी, और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार जैसे मुद्दे भी हैं।

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