नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत से फिलहाल सचिन पायलट और बागी 18 विधायकों को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 27 जुलाई को होगी। कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट को शुक्रवार को अपना फैसला सुनाने का आदेश दिया है।वहीं, स्पीकर का पक्ष रखते हुए कांग्रेस नेता एवं वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि स्पीकर के फैसले पर हाई कोर्ट अभी दखल नहीं दे सकता। हाई कोर्ट ने बागी विधायकों पर कार्रवाई करन से 24 जुलाई तक रोक लगाई है और इससे संविधान की 10वीं अनुसूची का उल्लंघन हुआ है। सिब्बल ने कहा कि बागी विधायकों ने राजस्थान सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है।
अभी दखल नहीं दे सकता कोर्ट : सिब्बल
स्पीकर सीपी जोशी का पक्ष रखते हुए सिब्बल ने दलील दी कि इस मामले में जब तक कि विधायकों का निलंबन या उन्हें अयोग्य न करार दे दिया जाए, मामले में कोर्ट दखल नहीं दे सकता। अभी इस चरण में विधायकों को राहत देने वाला आदेश नहीं दिया जा सकता। सिब्बल ने कहा कि राजस्थान हाई कोर्ट ने मामले में कार्रवाई न करने का आदेश देकर उन्हें एक तरीके से राहत प्रदान की है। कांग्रेस के नेता ने कहा कि बागी विधायकों ने सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की। कोर्ट के आदेश से संविधान की 10वीं अनुसूची का उल्लंघन हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ कर रही सुनवाई
स्पीकर की अर्जी पर जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवाई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ सुनवाई कर रही है। इससे पहले जोशी अपनी अर्जी पर तत्काल सुनवाई की मांग को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। शीर्ष अदालत में स्पीकर जोशी का पक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रख्यात वकील कपिल सिब्बल रखेंगे। सिब्बल ने बुधवार को प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष इस मामले को रखा लेकिन पीठ ने इसे पहले रजिस्ट्री के पास भेजे जाने का निर्देश दिया। अब इस मामले पर आज सुनवाई होगी।
स्पीकर ने पायलट और 18 विधायकों को नोटिस भेजा है
विधानसभा स्पीकर ने 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' के लिए पिछले सप्ताह पायलट और उनका समर्थन करने वाले 18 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस भेजा। इस पर हाई पकोर्ट की ओर से रोक लगने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जोशी ने अपनी अर्जी में 'संवैधानिक संकट' का हवाला दिया है। उनका कहना है कि संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों की भूमिका पूरी तरह निर्धारित है। जोशी की दलील है कि नोटिस पर स्पीकर का फैसला हो जाने के बाद ही हाई कोर्ट इसमें दखल दे सकता है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जोशी ने कहा, 'स्पीकर के पास विधायकों को कारण बताओ नोटिस भेजने का पूरा अधिकार होता है। मैंने अपने वकील को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करने के लिए कहा है।'
गहलोत ने भाजपा पर लगाए हैं गंभीर आरोप
पायलट और उनके समर्थक विधायकों के बागी तेवर अपनाने से राजस्थान की गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अपनी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। गहलोत का आरोप है कि पायलट भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं। उन्होंने भगवा पार्टी पर 'हार्स ट्रेडिंग' के आरोप भी लगाए हैं। वहीं, पायलट ने साफ किया है कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे। राजस्थान में गहलोत एवं पायलट के बीच आरोप-प्रत्यारोप निजी स्तर तक पहुंच गया है। गहलोत ने पायलट को 'निकम्मा' तक कहा है। कांग्रेस ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद से हटा दिया है।
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