हैदराबाद: तमिलनाडु में इन दिनों एक महिला आईपीएस के यौन उत्पीड़न का मामला काफी सुर्खियों में है। यौन उत्पीड़न का आरोप किसी और पर नहीं बल्कि राज्य सरकार में स्पेशल डीजीपी के पद पर तैनात ऑफिसर पर लगा है। डीजीपी के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमले करता था और अंतत: सरकार को भी कदम उठाना है तथा डीजीपी को उनके पद से हटा दिया। महिला आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया था डीजीपी राजेश दास ने उनके साथ कार में यौन उत्पीड़न किया था।
नाटकीय अंदाज में घटी घटना
शिकायत करने वाली महिला आईपीएस अधिकारी के बारे में जो खबर निकलकर सामने आ रही है वो काफी चौंकाने वाली है। खबर के मुताबिक डीजीपी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली आईपीएस अधिकारी आरोप लगाने से पहले चालीस मिनट तक उन्ही की कार में सवार थी और फिर अचानक से उतरकर भागने लगी। 22 फरवरी के दिन की यह घटना है, उस दिन जैसे ही कार रूकी तो आईपीएस अधिकारी ने दौड़ लगा थी जिसके बाद बड़ी संख्या में उन्हें पुलिसकर्मियों ने घेर लिया।
डीजीपी को हटा दिया
शिकायत मिलने के दो दिन बाद सरकार ने स्पेशल डीजीपी राजेश दास (कानून व्यवस्था) को उनके पद से हटा दिया था और उनके खिलाफ जांच करने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया। डीजीपी दास ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए राजनीति से प्रेरित बताया है। राज्य के सीएम ईडापड्डी पलानीस्वामी के मुताबिक अभी तक की जो जांच सामने आई है उसमें कुछ भी साबित नहीं हो पाया है, हालांक जांच अभी खत्म नहीं हुई है।
भागने लगी अधिकारी
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक यह मामला त्रिची और चेन्नै हाइवे का है जहां सीएम पलानीस्वामी का काफिला चुनावी प्रचार के लिए कोंगू जा रहा था। उसके बाद स्पेशल डीजीपी वीआईपी ड्यूटी करने के बाद अपने घर वापस जा रहे थे। रास्ते में ही महिला आईपीएस अधिकारी का क्षेत्र भी आता है जहां उन्हें वरिष्ठ अधिकारी को रिसीव करना था। ज्यादातर सैल्यूट करने के बाद काफिले में शामिल होना होता है। लेकिन वरिष्ठ अधिकारी ने उनसे कार में बैठने के लिए कहा था। कार लगभग 40 मिनट चलती रही। बाद में एक जगह पर कार रुकी तो महिला आईपीएस अफसर अचानक गेट खोलकर भागने लगी। वह सहमी सी लग थी।
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