नई दिल्ली। विशाखापत्तनम में एक बार फिर गैस रिसाव की वजह से 20 गांवों को खाली कराया गया है। किसी भी हालात का सामना करने के लिए एनडीआरएफ की टीमें इलाके में तैनात हैं। इससे पहले गुरुवार की रात गैस लीक हुई थी। लोग अपने अपने घरों में सोए हुए थे। लेकिन किसी ने सोचा नहीं होगा गैस लीक के रूप में वो एक बड़ी तबाही का सामना करने वाले हैं। एलजी पॉलीमर के प्लांट से स्टाइरीन गैस का रिसाव हुआ जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी और एक हजार से ज्यादा लोगों पर असर हुआ था।
एक बार फिर हुआ गैस रिसाव
एलजी पॉलीमर में एक बार फिर गैस रिसाव हुआ। रिसाव पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुईं। किसी भी अप्रिय हालात से निपटने के लिए मौके पर दमकल की 10 गाड़ियों को तैनात किया गया है। फायर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐहतियात के तौर पर इस तरह की व्यवस्था की जा रही है ताकि दुर्भाग्यपूर्ण घटना न हो। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को कहा कि आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक रसायन संयंत्र में गैस लीक होने की घटना की अच्छी तरह जांच होनी चाहिये।
विशाखापत्तनम गैस लीक से जुड़ी कुछ बड़ी बातें
विशाखापत्तनम गैस लीक की घटना से 36 साल पुराना भोपाल गैस कांड याद आ गया। उस हादसे में करीब 20 हजार लोगों की जान चली गई थी, हालांकि सरकारी आंकड़ा कम था। उस कांड का असर और उसकी टीस आज भी कायम है। हर साल गैस कांड के प्रभावित लोग जंतर मंतर प्रदर्शन करते हैं।
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