नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। आईसीएमआर ने बताया कि भारत में 24 टेस्ट में एक शख्स कोरोना पॉजिटिव मिल रहा है। अगर इसे विकसित देशों के संदर्भ में देखें तो भारत में कोरोना का प्रसार कम कहा जाएगा। दरअसल इस बात कि शिकायत हर एक राज्य को है डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पीपीई किट की कमी है। लेकिन इन सबके बीच गुरुवार को चीन से 65000 हजार टेस्टिंग किट भारत को हासिल हो चुके हैं। टेस्टिंग किट की कमी को पूरा करने के लिये भारत की तरफ से दक्षिण कोरिया, फ्रांस, कनाडा के साथ बाततीच जारी है।
पीपीई किट की कमी अब होगी दूर
बीजिंग में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने कहा कि टेस्टिंग किट की मात्रा के साथ साथ गुणवत्ता भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है। अधिकारियों ने कहा कि चीन का नेशनल मेडिकल प्रोडक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से मान्यताप्राप्त डीलर ही एक्सपोर्ट करते है। पीपीई और दूसरे किट्स के आयात में किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए भारत सरकार की तरफ से पहले ही इजाजत दी गई है।
जल्द ही टेस्ट की संख्या में और होगा इजाफा
बताया जा रहा है कि ग्वांगझू से तीन लाख रैपिड एंडी बॉडी टेस्टिंग किट, 2.5 लाख जुहाई लिवजॉन और और एमजीआई शेंजेन से एक लाख आरएनए एक्सट्रैक्शन किट को कस्टम विभाग से मंजूरी मिल चुकी है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि कोरोना टेस्टिंग किट की पूरी दुनिया में कमी है। लेकिन हमारी कोशिश है कि हम 90 फीसद तक अपनी जरूरतों को पूरी कर सकें। जहां तक टेस्टिंग किट की उपलब्धता एक बड़ा मुद्दा है तो गुणवत्ता उससे भी बड़ी प्राथमिकता है। चीन के साथ साथ अलग मुल्कों से भी इस विषय में बातचीत जारी है और उम्मीद है कि हमें इस मोर्चे पर भी कामयाबी मिलेगी।
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