लखीमपुर : लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Updates) में जो हुआ वो बेहद दुखद, भयानक और शर्मनाक है। ये वास्तविकता वाकई चिंताजनक है कि कैसे कुछ लोगों को मार दिया गया और भुला दिया गया। कोई उनकी चर्चा नहीं कर रहा है। आप ने WhatsApp पर ऐसे कई वीडियो देखे होंगे जिनमें एक चर्चा है कि केन्द्रीय मंत्री के काफिले ने किसानों पर हमला कर दिया उन्हें गाड़ी से कुचल दिया। अब जरूरी है कि पूरी कहानी आप तक पहुंचे। WhatsApp पर फॉर्वड किया गया सिर्फ एक वीडियो नहीं। लखीमपुर खीरी में रविवार को क्या हुआ उसका पूरा सच आप तक वो लोग पहुंचाएंगे जो घटना के चश्मदीद हैं। ये वो लोग हैं जो किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल हुए हैं।
सबसे पहले ज़रूरी ये है कि आप हर बात को निष्पक्ष होकर देखें और समझें। 9 लोग कल मारे गए इन 9 लोगों में 4 लोग वो थे जो किसान कानूनों के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और 4 लोग बीजेपी के कार्यकर्ता थे तथा एक स्थानीय पत्रकार। राजनीतिक दलों का कहना है कि एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत किसानों को बीजेपी के एक मंत्री के काफिले ने कुचल दिया इसकी जांच होनी चाहिए। बिल्कुल होनी चाहिए। लेकिन कुल 9 लोग मारे गए और ये सच्चाई ना किसी चश्मदीद से और ना हमले के बाद बचे किसी भी व्यक्ति से अब तक सुनी गई है।
इस वीडियो में हम आपको चश्मदीदों और घटना के बाद बचे लोगों से बात करके बता रहे हैं कि कि आखिर लखीमपुर खीरी में घटी घटना का सच क्या है।आप यहां देख सकते हैं कि कैसे खून से लथपथ अवस्था में उनसे कैसे पूछताछ की गई और यह कहने के लिए प्रताड़ित किया गया और दबाव डाला गया कि मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने उन्हें प्रदर्शनकारियों को गाड़ी के नीचे कुचल देने के लिए भेजा था। तो श्याम सुंदर निषाद के साथ क्या हुआ? वीडियो में कोई उनसे ये जबरन कबूल करने के लिए कहता है कि मंत्री ने प्रदर्शनकारियों को गाड़ी से कुचल देने के लिए भेजा है। श्याम सुंदर इनकार करते रहे और आखिरी सत्य यही है कि श्याम सुंदर निषाद को मार डाला गया।
लखीमपुर खीरी में दोनों गुट अपना अपना दावा कर रहे हैं हम पूरी घटना की सच्चाई तक पहुंचना चाहते हैं। हमारा मकसद सच्चाई को दिखाना है। घटना के बाद कई वीडियो सामने आ रहे है। हम पहले ही आपको बता दें कि हम इन वीडियो की पुष्टि नहीं करते हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी कि केंद्रीय मंत्री और सांसद के गांव बनवीरपुर जाने के लिए डिप्टी सीएम का मार्ग बदल गया है। इसी दौरान खीरी सांसद अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू दो गाड़ियों से उसी रास्ते से निकले तो, किसानों ने उनकी गाड़ी को रोककर विरोध करने की कोशिश की। सवाल यह है कि क्या वास्तव में ऐसा ही हुआ था? वो आप रिपोर्ट में देख सकते हैं।
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