तिरुपति में अब जूट के बैग में मिलेंगे लड्डू, प्‍लास्टिक फ्री होगा भगवान वेंकटेश्‍वर का दरबार

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Updated Nov 19, 2019 | 15:26 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Tirupati Balaji goes plastic free: तिरुपति बालाजी मंदिर की गिनती दुनिया के सर्वाधिक धनी धर्मस्‍थलों में से एक के तौर पर होती है, जहां बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु अपने अराध्‍य की पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं।

Tirupati Lord Venkateswara: तिरुपति में अब जूट के बैग में मिलेंगे लड्डू, प्‍लास्टिक फ्री होगा भगवान वेंकटेश्‍वर का दरबार
तिरुपति बालाजी मंदिर परिसर में अब जूट के बैग में प्रसाद बांटे जाएंगे (फाइल फोटो)  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • तिरुपति बालाजी मंदिर की गिनती दुनिया के सर्वाधिक धनी धार्मिक स्‍थलों में से एक के तौर पर होती है
  • आंध्र प्रदेश के चित्‍तूर जिले में स्थित इस मंदिर का संचालन तिरुमाला तिरुपति देवास्‍थानम ट्रस्‍ट करता है
  • ट्रस्‍ट ने मंदिर परिसर को प्‍लास्टिक मुक्‍त करने के लिए हिंडालको और जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ हाथ मिलाया है

हैदराबाद : प्‍लास्टिक से फैलने वाले प्रदूषण के चलते इन पर रोकथाम को लेकर हर तरफ मुहिम चल रही है, जिसके लिए तिरुपति बालाजी मंदिर भी सामने आया है। यहां भगवान वेंटकेश्‍वर लोगों को प्‍लास्टिक छोड़ने और पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग इस्‍तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसी मुहिम के तहत यहां अब प्रसाद के लिए मिलने वाले खास किस्‍म के लड्डू प्‍लास्टिक के थैलों में नहीं, बल्कि जूट के बैग में मिलेंगे, जो रिसाइकल भी किया जा सकेगा।

मंदिर का संचालन करने वाला ट्रस्‍ट तिरुमाला तिरुपति देवास्‍थानम ने इसके लिए आदित्‍य बिड़ला समूह की कंपनी हिंडालको और जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ हाथ मिलाया है, जिसके तहत यहां पहुंचने वाले भक्‍तों को 'प्रसादम' एल्‍युमिनियम फॉइल से लेमिनेटेड जूट के बैग में दिए जाएंगे, जो पूरी तरह रिसाइकल योगय होगा। ट्रस्‍ट के अधिकारियों के मुताबिक वे तिरुमाला को चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह प्लास्टिक-फ्री किए जाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने यहां प्रसादम के वितरण के लिए एक काउंटर भी खोला है और पिछले दो महीने में यहां ऐसे करीब 3 लाख बैग बेचे जा चुके हैं। हालांकि यहां अभी प्‍लास्टिक के थैलों में भी प्रसादम बांटे जा रहे हैं, जिसकी कीमत जूट बैग के मुकाबले काफी कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि जूट बैग के मुकाबले प्‍लास्टिक की थैलियों का सस्‍ता होना लोगों द्वारा तेजी से इसे अपनाने के मार्ग में एक बड़ी अड़चन साबित हो सकता है।

यहां गौरतलब है कि तिरुपति के लॉर्ड वेंकटेश्‍वर मंदिर परिसर में रोजाना तकरीबन 3.5 से लेकर 4 लाख किलोग्राम तक लड्डू बेचे जाते हैं, जिसके लिए लगभग 70,000 प्‍लास्टिक के थैलों की जरूरत होती है। तिरुमाला तिरुपति देवास्‍थानम की इस पहल से यहां सालाना तकरीब 90 लाख से एक करोड़ जूट के बैग बिकने की उम्‍मीद जताई जा रही है, जिससे हिंडालको और जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को लगभग 50 करोड़ रुपये का फायदा होगा।

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