कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद अब टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की नजरें देश की राजनीति पर है। बंगाल चुनाव के दौरान जो 'खेला होबे' नारा काफी प्रसिद्ध हुआ था उसके जरिए टीएमसी अब अपने राजनीतिक वर्चस्व को बंगाल से बाहर स्थापित करने की कोशिशें में जुट गई है। इसी के तहत आज टीएमसी 'खेला होबे दिवस' मना रही है। यह बंगाल ही नहीं बल्कि बीजेपी शासित राज्यो में भी मनाया जा रहा है।
बीजेपी शासित राज्यों पर भी नजर
इसके तहत तृणमूल कांग्रेस भाजपा शासित गुजरात, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, असम सहित अन्य राज्यों में भी कार्यक्रम आयोजित करेगी। टीएमसी नेता मदन मित्रा का कहना है कि खेला होबे दिवस टीएमसी के बैनर तले मनाया जाएगा और बहुत से राज्यों में इसे टीएमसी के झंडे के बिना ही मनाया जाएगा। कुछ दिन पहले ही सीएम ममता बनर्जी कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में 'खेला होबे' (Khela Hobe) कार्यक्रम की शुरुआत भी की थी।
बीजेपी का जवाब
वहीं ममता बनर्जी की टीएमसी के ‘खेला होबे दिवस’ का जवाब देने के लिए बीजेपी ने भी सोमवार से राज्य में तीन दिवसीय शहीद सम्मान यात्रा निकालने का फैसला किया है। दरअसल भाजपा 16 से 18 अगस्त क राष्ट्रीय स्तर पर जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है लेकिन बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में मारे गए कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए राज्य में इसका नाम बदलकर शहीद सम्मान यात्रा रखा गया है। इसमें बीजेपी के तमाम सांसद और नेता शिरकत करेंगे।
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र की मौजूदा सरकार को सत्ता से बाहर करने का रविवार को संकल्प लिया और जोर दिया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बदलाव में अहम भूमिका निभाएंगी। सत्तारूढ़ तृणमूल ने अपने मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ में एक संपादकीय में 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा कि देशभर में विपक्ष एक मंच पर एक साथ आने और कोई वैकल्पिक मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहा है।
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