नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण किया। कांस्य का बना ये प्रतीक 9,500 किलोग्राम वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। इसे नए संसद भवन के टॉप पर बनाया गया है और राष्ट्रीय प्रतीक को सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम स्टील की एक संरचना का निर्माण किया गया है।
वहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने नए संसद भवन पर लगे अशोक स्तंभ को लेकर ट्वीट किया है और कहा है-'सत्यमेव जयते से सिंहमेव जयते का बदलाव पूरा हुआ'
वही TMC सांसद महुआ मोइत्रा के ट्वीट पर बोले बंगाल बीजेपी अध्यक्ष - 'देश के सम्मान के हर चीजों पर विवाद खड़ा करना उनका (महुआ मोइत्रा) रवैया बन गया है'
गौर हो कि नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा किया गया। इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करना शामिल है।
इससे पहले एआईआईएमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण करने पर निशाना साधा था, ओवैसी ने ट्वीट कर कहा था कि संविधान संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है। सरकार के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था। लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा का प्रतिनिधित्व करता है जो सरकार के अधीनस्थ नहीं है। प्रधानमंत्री ने सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है।
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