नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी 'टूलकिट' सोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता को लेकर दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी को जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। दिशा रवि की जमानत को लेकर शनिवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें दिल्ली पुलिस ने कहा कि कनाडा का वैंकूवर शहर भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बन गया है।
दिशा रवि की गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के साइबर सेल की टीम ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। रविवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में इस मामले को लेकर शुक्रवार (19 फरवरी) को भी सुनवाई हुई, जब अदालत ने दिशा रवि को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। शनिवार को दिशा रवि की जमानत पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कई दलीलें, जिनमें यह भी कहा गया कि कनाडा का वैंकूवर खालिस्तान के संदर्भ में भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बन गया है।
पुलिस ने कहा कि यह महज एक 'टूलकिट' नहीं था, बल्कि इसके पीछे असली मंसूबा भारत को बदनाम करने और यहां अशांति पैदा करने की थी। दिशा रवि ने व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत मिटा दी, उसे इस मामले में कानूनी कार्रवाई के बारे में पता था। इससे यह जाहिर होता है कि टूलकिट के पीछे मंसूबा नापाक था। दिशा रवि भारत को बदनाम करने, किसानों के प्रदर्शन की आड़ में अशांति पैदा करने की वैश्विक साजिश के भारतीय चैप्टर का हिस्सा थी। वह टूलकिट तैयार करने और उसे साझा करने को लेकर खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में थी।
पुलिस ने कहा कि किसान एकता नाम का एक संगठन वैंकूवर में दूसरे संगठन से संपर्क में था। कनाडा में सक्रिय कई ऐसे संगठन चाहते थे कि कोई इंडिया गेट, लाल किला पर झंडा फहराए। वे किसान आंदोलन की आड़ में यह सब करना चाहते थे और इसमें 'पोएटिक जस्टिस फाउंडेश' भी शामिल है। प्रतिबंधित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' ने 11 फरवरी को यह घोषणा भी की थी कि जो शख्स इंडिया गेट, लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराएगा, उसे इनाम दिया जाएगा।
वहीं, दिशा रवि की ओर से अदालत में पेश हुए उनके अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि उनकी मुवक्किल पर्यावरण को लेकर काम करती हैं और इसका कृषि से सपष्ट जुड़ाव है। उन्होंने यह भी कहा कि दिशा रवि का प्रतिबंधित संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' या 'पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन' से कोई लेना-देना नहीं है और इन आरोपों को लेकर कोई सबूत भी नहीं है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने दिशा रवि की जमानत याचिका पर फैसला 23 फरवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया।
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