नई दिल्ली: थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने मंगलवार को ‘रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेज’ के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फहद बिन अब्दुल्ला मोहम्मद अल-मुतैर से द्विपक्षीय रक्षा एवं सैन्य संबंधों को प्रगाढ़ करने को लेकर बातचीत की। इस दौरान दोनों सैन्य प्रमुखों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें बैकग्राउंड की तस्वीर की चर्चा सबसे अधिक हो रही है। तस्वीर ऐसी है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को मिर्च लगना स्वाभाविक है।
दरअसल, बैकग्राउंड में जो तस्वीर लगी है, उसमें पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ढाका रेस कोर्स में भारतीय सेना की पूर्वी कमान के मुख्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोरा के समक्ष आत्मसमर्पण दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते दिख रहे हैं। ये तस्वीर 16 दिसंबर 1971 के दिन की है जो दिन भारतीय सेना के अदम्य साहस और शौर्य की याद ताजा करता है। इस दिन यानि 16 दिसंबर 1971, को पाकिस्तान के करीब 90,000 से ज्यादा सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस तस्वीर ने पाकिस्तानी जख्मों को फिर से हरा कर दिया है और दोनों मुल्कों के लोग स पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
इस तस्वीर को एडिशनल डायरेक्टरेट जनरल ऑफ पब्लिक इंफोर्मेशन (ADG PI- Indian Army) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया, 'सऊदी अरब की रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेज के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फहद बिन अब्दुल्ला मोहम्मद अल-मुतैर ने जनरल एम एम नरवणे से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।' वार्ता से पहले लेफ्टिनेंट जनरल अल मुतैर को ‘साउथ ब्लॉक’ मैदान में ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।
वहीं भारतीय यूजर्स इस तस्वीर को लेकर पाकिस्तान को चिढ़ाने लगे। एक यूजर ने लिखा, 'तस्वीर बिना कुछ कहे भी बहुत कुछ कह देती है।' शुभा नाम के यूजर ने लिखा, 'इसे कहा जाता है इंसल्ट। इस शानदार तस्वीर के लिए भारतीय सेना को धन्यवाद। आशा है कि हम इस बैकग्राउंड के साथ और अधिक नेताओं की तस्वीर देखेंगे।' मिस्टर द्विवेदी ने लिखा, 'सब कुछ अस्थायी है लेकिन यह बैकग्राउंड स्थायी है।'
पाकिस्तान के मिजाब ग्रुप के ऑपरेशन डायरेक्टर मोहम्मद इब्राहिस काजी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'सऊदी सेना प्रमुख के प्रोटोकॉल के लिए यह बेहतर विकल्प होता कि वह इस तस्वीर के बैकग्राउंड के साथ पोज न देने देते। यह हिंदुस्तान सेना द्वारा पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच एक दरार डालने के उद्देश्य से किया गया है। एक मुस्लिम सैन्य नेता को इस स्थिति में देखना बेहद दर्दनाक है।' वहीं पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने भी ट्वीट को कोट करते हुए लिखा, इस मुलाकात में पाकिस्तान भी मौजूद था।
आपको बता दें कि भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा संबंध पिछले कुछ वर्षों में तेजी से मजबूत हुए हैं। थल सेना प्रमुख ने दिसंबर 2020 में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस खाड़ी देश की यात्रा की थी, जो भारतीय सेना के किसी प्रमुख की सऊदी अरब की पहली यात्रा थी।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।