नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप मामले की गूंज काफी दूर तक सुनाई दी थी, इस मामले में काफी उतार चढ़ाव आए और पीड़िता को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा उसका हर तरीके से उत्पीड़न किया गया अंतत: इस मामले में इंसाफ हुआ और दोषी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
अब इस मामले में नया मोड़ आया है बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने तीस हजारी कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में दी चुनौती है उसने उम्रकैद के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चैलेंज किया है।
तीस हजारी अदालत ने उम्रकैद के साथ-साथ 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था कोर्ट ने कहा था कि उसे मौत तक जेल में रखा जाए। सेंगर पर पॉक्सो एक्ट के तहत भी केस चला क्योंकि पीड़ित लड़की का जिस समय रेप हुआ उस वक्त वह नाबालिग थी। बता दें कि पीड़ित परिवार ने इस केस की निष्पक्ष सुनवाई की मांग की थी जिसके बाद उन्नाव रेप केस को उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित किया गया।
उस वक्त सीबीआई के वकील ने कोर्ट से कहा था कि पीड़ित लड़की की लंबी यातना को ध्यान में रखते हुए सेंगर को सख्त सजा मिलनी चाहिए। पीड़ित के वकील ने सीबीआई की इस राय का समर्थन किया और पीड़ित परिवार के लिए पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। वहीं, सेंगर के वकील ने अपनी दलील में कहा कि उनके मुवक्किल का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और इसे देखते हुए उन्हें न्यूनतम 10 वर्षों की जेल की सजा सुनाई जाए।
पूर्व विधायक ने पीड़िता का बलात्कार 4 जून 2017 को किया था और उस वक्त पीड़ित लड़की 17 साल की थी। सेंगर पर आरोप है कि उन्होंने पीड़ित लड़की के पिता को झूठे हथियार केस में फंसाकर गिरफ्तार कराया। पीड़ित लड़की की पिता की मौत नौ अप्रैल 2018 को न्यायिक हिरासत में हुई।
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