उन्नाव: गैंगरेप के आरोपियों समेत पांच लोगों द्वारा जलाए जाने के बाद गंभीर हालत में दिल्ली के अस्पताल में एयरलिफ्ट कर लाई गई उन्नाव बलात्कार पीड़िता की उपचार के दौरान मौत के बाद शनिवार रात शव उसके गांव लाया गया। शव के गांव पहुंचते ही पूरा गांव गमगीन हो गया। इस बीच पीड़ित परिवार ने मांग की है कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वहां नहीं आते हैं तो तब तक पीड़िता का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
पीड़िता की बहन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'सीएम योगी आदित्यनाथ सर आएं और तुरंत लें कुछ फैसला। मैं यह भी मांग करती हूं कि मुझे सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए। हम तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जब तक सीएम योगी आदित्यनाथ यहां नहीं आ जाते। आज वहां जांच बैठी, कल वहां लेकिन क्या हुआ...हमें न्याय चाहिए। योगी आएं और हमें न्याय दें। हमें अपनी बहन के साथ हर हाल में न्याय चाहिए।'
पीड़िता का शव गांव में रात 9:00 बजे के बाद पहुंचा। पीड़िता के परिजन बेहद गमजदा हैं। किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे। दमकल की गाड़ियां भी मौके पर मौजूद थी। गांव में वरिष्ठ अधिकारी सुबह से ही डेरा डाले हुए थे। शनिवार शाम जब उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज और राज्य के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य यहां पहुंचे तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा।
मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य योगी सरकार की घोषणा के मुताबिक करीब रात आठ बजे पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये का चेक सौंपने पहुंचे। वहां सपा के नेताओं ने इसका विरोध करते हुए 50 लाख रुपये मुवाअजा देने की मांग की। हालांकि, मौर्य 25 लाख रुपये का चेक पीड़िता के परिजनों को सौंप कर लौट गये।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।