CM योगी के नेतृत्‍व में गन्‍ना भुगतान और चीनी उत्‍पादन का रिकॉर्ड बना रहा यूपी: सुरेश राणा

देश
कुलदीप राघव
Updated Jun 19, 2020 | 21:42 IST

उत्‍तर प्रदेश के गन्‍ना मंत्री सुरेश राणा ने टाइम्‍स नाउ हिंदी से कहा कि बसपा शासन में 19 और सपा शासन में 10 चीनी मिल बंद हुईं लेकिन सीएम योगी के प्रयासों से आज यूपी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्‍पादक है।

Cabinet Minister Suresh Rana with CM Yogi Adityanath
Cabinet Minister Suresh Rana with CM Yogi Adityanath 
मुख्य बातें
  • गन्‍ना मंत्री बोले- ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्‍पादक है यूपी
  • 'चीनी मिलें बंद कर बसपा-सपा ने किया गन्‍ना किसानों का अहित'- सुरेश राणा
  • योगी सरकार ने बंद हुई मिलें की चालू, नई मिलों का क‍िया संचालन

UP Cabinet Minister Suresh Rana Exclusive: जनसंख्‍या और राजनीतिक महत्‍व की दृष्टि से देश के सबसे बड़े सूबे उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने कार्यों से नित नए कीर्तिमान रच रहे हैं। शुक्रवार को उन्‍होंने गन्ना किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 418 करोड़ रुपये का भुगतान किया और इसी के साथ उनकी सरकार ने 3 साल के कार्यकाल में 1,00,325 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य भुगतान का रिकॉर्ड बना लिया। गन्‍ना मूल्‍य भुगतान की यह राशि अब तक की सबसे बड़ी राशि है। अभी तक किसी भी सरकार ने इतनी धनराशि का भुगतान कभी नहीं किया। उत्‍तर प्रदेश सरकार की इस उपलब्धि पर टाइम्‍स नाउ हिंदी ने यूपी के गन्‍ना मंत्री सुरेश राणा से विशेष बात की। 

चीनी उद्योग के इतिहास का स्वर्णिम काल

उत्‍तर प्रदेश के गन्‍ना मंत्री सुरेश राणा ने टाइम्‍स नाउ हिंदी को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व एवं कुशल प्रबंधन और प्रदेश के किसानों के कठोर परिश्रम का नतीजा है कि भाजपा की सरकार ने 3 साल के भीतर सर्वाधिक गन्‍ना भुगतान का रिकॉर्ड बनाया है। पिछली कोई भी सरकार ने इतना भुगतान अपने 5 साल के कार्यकाल में नहीं कर सकी। अखिलेश यादव की सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में महज 95,215 करोड़ रुपये का भुगतान किया जबकि उससे पहले बसपा सरकार ने केवल 52000 करोड़ का भुगतान किया था। प्रदेश में योगी आदित्‍यनाथ की सरकार बनते ही सबसे पहले गन्‍ना किसानों की बकाया राशि का भुगतान शुरू हुआ। 

बंद चीनी मिलों को कराया चालू, नई मिलें कीं स्‍थापित 

सुरेश राणा ने आगे कहा कि हमारे लिए पार्टी से बड़ा देश है और देश की अर्थव्‍यवस्‍था किसान हैं। किसान मुस्‍कुराएगा तो देश-प्रदेश मुस्‍कुराएगा। किसानों के हितों में योगी सरकार काम कर रही है। प्रदेश में 48 लाख गन्ना किसान हैं। इनके हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान भी 119 चीनी मिलें प्रदेश में चलती रहीं। बसपा सरकार के वक्त 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश में 19 चीनी मिलें बंद हुई थी। समाजवादी पार्टी की सरकार में 2012 से 2017 तक 10 मिले बंद हुईं, जिससे गन्ना किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया था। हमारी सरकार ने ना केवल बंद चीनी मिलों को चलवाया बल्कि नई चीनी मिलें भी स्‍थापित कीं और कई मिलों की क्षमता बढ़ाई। इसी के साथ 18 खांडसारी के नए लाइसेंस दिए। चौ. चरण सिंह की कर्मभूमि रमाला से चीन मिलों के पुर्नउद्धार का काम शुरू किया। उत्‍तर प्रदेश में खत्‍म होते चीनी उद्योग को दोबारा मजबूत करने का काम यूपी सरकार ने किया। 

चीनी उत्‍पादन में दुनिया में दूसरे नंबर पर यूपी 

वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन और चीनी उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है, वहीं कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने जानकारी दी कि ब्राजील के बाद पूरी दुनिया में सर्वाधिक गन्‍ना और चीनी का उत्‍पादन यूपी कर रहा है। यह सब अन्नदाता किसानों की मेहनत के बूते हुआ कि यूपी 126.3 मीटरिक लाख टन चीनी का उत्‍पादन कर रहा है, जोकि अभी तक इतिहास में सबसे अधिक है। वर्तमान में यूपी पेराई से लेकर उत्‍पादन तक में नंबर वन है। सुरेश खन्‍ना ने आगे कहा कि इसकी एक वजह यह भी है कि हमने गन्‍ना की पांच नई प्रजातियां भी लगाईं और नई प्रजातियों की पैदावार के लिए शाहजहांपुर में टिशू कल्‍चर लैब भी बनाई। सरकार का प्रयास है कि कम लागत में अधिक उत्‍पादन हो और समय से किसानों को भुगतान हो। अभी सरकार 15000 करोड़ रुपये का भुगतान और करेगी। 

तकनीक से जुड़े किसान तो खुशहाल हुई जिंदगी

सुरेश राणा ने खेती के नई तरीके पर बातचीत करते हुए बताया कि आज का किसान टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ा है। यही वजह है कि जागरूकता फैली है। सरकार ने गन्ना किसानों के मोबाइल पर एसएमएस पर्ची व्यवस्था, ई-गन्ना एप की व्‍यवस्‍था की। टोल फ्री नंबर शुरू किया गया। इससे किसानों को बड़ी राहत पहुंची और गन्ना माफिया का सफाया भी हो गया। किसानों ने कहा कि सरकार की इस व्यवस्था से गन्ना माफिया खत्म हो गया। इन किसानों ने अपने-अपने क्षेत्र में कृषि विविधिकरण और बेहतर तकनीक के जरिए अपनी आय बढ़ाकर बाकी किसानों के लिए नजीर पेश की। हम लोगों ने संकल्प लिया था कि जब तक किसानों के खेत में एक भी गन्ना रहेगा, तब तक चीनी मिल चलेगी। यही वजह है कि आजादी के बाद पहली बार 19 जून को भी प्रदेश में एक शुगर मिल चल रही है। 

सेनिटाइजर का रिकॉर्ड उत्‍पादन हुआ

कोरोना के संकट के शुरूआती चरण में मार्च प्रथम सप्ताह में अचानक सैनिटाइजर की कमी पड़ गई। ऐसे में गन्ना मिलों ने सैनिटाइजर बनाने का निर्णय लिया। इसके बाद सैनिटाइजर का इतना उत्पादन किया कि प्रदेश में हर विभाग को हमने सैनिटाइज़र निशुल्क उपलब्ध कराया। इसके साथ ही देश के सभी राज्यों को भी किफायती दरों पर सैनिटाइजर की आपूर्ति की। आज यूपी की मिल और डिस्टलरीज प्रतिदिन 5,00,000 लीटर सैनिटाइजर बना रही हैं। यूपी आज 28 अन्य राज्यों और दूसरे देशों को सैनिटाइजर की आपूर्ति कर रहा है। 

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