नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जबसे प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 बसों को तैनात करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी है, तब से इस पर जमकर राजनीति हो रही है। यूपी सरकार ने बसों की सूची मांगी तो कांग्रेस ने बसों की जानकारी दी। लेकिन इसे लेकर कांग्रेस पर आरोप लगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोप लगाया कि कांग्रेस द्वारा प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए सौंपी गई 1000 बसों की सूची में कई दो पहिया और कार जैसे वाहनों के पंजीकरण नंबर हैं।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसे लेकर कांग्रेस पर 'बस घोटाला' करने का आरोप लगाया। वहीं दूसरे उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ओछी राजनीति कर रही है। कांग्रेस को प्रवासी श्रमिकों और सरकार से अपने कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि इन्होंने नाटक कर दिगभ्रमित करने का काम किया है।
बाद में यूपी सरकार ने बताया कि कुल 1049 वाहनों की सूची प्राप्त हुई, जिसमें से 879 बसें हैं और 31 ऑटो हैं। इसके अलावा 69 एंबुलेंस, ट्रक, टीसीएम, मैजिक, स्कूल बस, निजी कार हैं। जबकि 70 का डाटा ही उपलब्ध नहीं है।
सरकार ने परिवहन अधिकारी से वाहनों के नंबर की जांच कराई, जिसमें ये बात सामने आई। परीक्षण के अनुसार, 59 वाहनों की फिटनेस की वैधता की अवधि समाप्त पाई गई एवं 29 वाहनों के इंश्योरेंस समाप्त या अनुपलब्ध पाए गए।
इसे लेकर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी प्रियंका गांधी पर हमला बोला। पात्रा ने कहा कि प्रियंका ने यूपी सरकार को कथित रूप से जो बसों की सूची सौंपी है उसमें काफी गाड़ियां 'अनफिट' हैं। इनमें एंबुलेंस, कार, ट्रैक्टर और स्कूटर के नंबर भी दिए गए हैं।
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