योगी आदित्‍यनाथ की स्पष्ट राजनीतिक मंशा से यूपी पुलिस के हाथ हुए मजबूत

कोविड-19 प्रकरण में जहां-जहां आतताइयों ने दुस्साहस किया, वहां कठोर कार्रवाई करते हुए दोषियों को तत्काल सजा दी गई। इससे सीएम योगी आदित्‍यनाथ की मंशा स्‍पष्‍ट होती है। पढ़ें पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का यह लेख-

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Yogi Adityanath CM Uttar Pradesh 

हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का जो इकबाल बुलंद हुआ है और इसका बहुत कुछ श्रेय राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं पुलिस महकमे को जाता है। कानून-व्यवस्था पर शीर्ष राजनीतिक स्तर की मंशा पुलिस की कार्यशैली में झलकी है। पुलिस की कार्रवाई के चलते अपराधी एवं माफिया या तो प्रदेश छोड़कर जा चुके हैं या उन्होंने जरायम की दुनिया को अलविदा कह दिया है। कानून-व्यवस्था का राज कायम होने से प्रदेश का माहौल पहले से कहीं ज्यादा बेहतर हुआ है। कोविड-19 के संकट के समय उत्तर प्रदेश पुलिस का मानवीय चेहरा और प्रखर होकर उभरा है। पहले की पुलिस और आज की पुलिसिंग व्यवस्था में व्‍यापक बदलाव देखने को मिले हैं। हाल के वर्षों में यूपी पुलिस की कार्यशैली और व्‍यवहार में आए बदलावों पर पढ़ें उत्‍तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिशेक (डीजीपी) डॉ. विक्रम सिंह का यह विशेष आलेख-

उत्तर प्रदेश में वर्तमान पुलिस व्यवस्था विश्व की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स है। यह दो लाख से ऊपर पुलिसकर्मियों की फोर्स है। इसका इतिहास बहुत पुराना रहा है। 1861 के उपरांत पुलिस एक्ट 1861 व अन्य अधिनियम जब लागू हुए थे तब उत्तर प्रदेश पुलिस उन अग्रणी पुलिस बलों में से थी जिसने इनका निष्ठापूर्वक अनुपालन किया। विगत दस वर्षों की यदि समीक्षा की जाए तो जनता में कई प्रकार के सवाल उठते थे कि क्या शीर्षस्थ राजनीतिक नेतृत्व में संगठित अपराधियों, माफियाओं, जबरन धन वसूली करने वालों, राजनीतिक माफियाओं पर नकेल कसने की राजनीतिक इच्छाशक्ति है भी या नहीं।

बदायूं दोहरा हत्याकांड या आत्महत्या कांड, इसके अलावा अन्य सनसनीखेज घटनाएं हुईं उसमें जिस प्रकार प्रभावशाली आरोपी दोषमुक्त हुए। इन घटनाओं से विगत में यह आभास हुआ कदाचित पुलिस प्रशासन एवं शीर्षस्थ राजनीतिक नेतृत्व माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गंभीर नहीं है। यह संतोष का विषय है कि योगी आदित्यनाथ जी ने स्वयं सार्वजनिक मंचों पर यह उद्घोष किया है कि अपराधी या तो अपराध छोड़ दें या राज्य छोड़कर चले जाएं अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे। ऐसी खुली चुनौती शीर्षस्थ राजनीतिक स्तर से शायद ही पहले कभी दी गई हो। इसके सकारात्मक परिणाम तत्काल दिखाई दिए हैं। नीचे से लेकर ऊपर तक यह कड़ा संदेश गया कि पहले जो कुछ हो रहा था अब वह नहीं चलेगा।

थाना स्तर से लेकर लखनऊ तक इस बारे में एक कड़ा संदेश गया। माफिया तत्व के खिलाफ एक कठोर रणनीति तैयार की गई है और इस बात का प्रमाण इससे भी मिलता है कि वर्तमान कोविड-19 प्रकरण में जहां-जहां आतताइयों ने दुस्साहस किया जैसे कि मुरादाबाद, कानपुर और अन्य स्थानों पर, वहां कठोर कार्रवाई करते हुए बदमाशों और अपराधी तत्वों को तत्काल सजा दी गई। मुख्यमंत्री ऐसे अपराधियों के खिलाफ रासुका एवं गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश हैं। इसके पूर्व इतने स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए थे। यह संतोष का विषय है कि अब अपराधियों, माफियाओं, संगठित अपराधियों और जो कोरोना योद्धाओं के खिलाफ जो आक्रमण करने वालों के खिलाफ बहुत ठोस एवं प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। जनमानस एवं पुलिस में संदेश चला गया है कि है कि यह अब स्वीकार्य नहीं है। अब जीरो टॉलरेंस की स्थिति मौजदू है।

वर्तमान सरकार ने पुलिस को सुसज्जित करने में अत्याधुनिक उपकरण, वाहन, पौष्टिक भत्ते सहित नाना प्रकार के प्रोत्साहन भत्तों में बढ़ोत्तरी करने के साथ-साथ उनके सुख-सुविधा का ध्यान रखा है। इसके अलावा एटीएस, एसटीएफ, साइबर क्राइम के लिए उच्च तकनीक की व्यवस्था की गई है। एटीएस और एसटीएफ अपराधियों एवं राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ एक जेनरेशन आगे हो जाएं इसे ध्यान में रखते हुए उन्हें आधुनिक तकनीक मुहैया कराई गई है। ऐसा करने से तमाम राष्ट्रविरोधी तत्वों, माफियाओं के मंसूबे धूल-धूसरित हो गए।

इसके अतिरिक्त 112 के माध्यम से एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्री असीम अरूण जो कि अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी हैं, उनके द्वारा जो अभूतपूर्व एवं क्रांतिकारी सेवाएं जनता को दी जा रही हैं, केवल अपराध में ही नहीं बल्कि अगर किसी को औषधि की भी जरूरत हो, अगर कोई व्यक्ति भूखा हो या किसी व्यक्ति को एंबुलेंस की जरूरत हो, इसकी व्यवस्था तत्काल 112 के माध्यम से की जा रही है। वर्तमान सरकार ने न केवल पुलिस की क्षमता को  उच्चीकृत किया है बल्कि उसे उच्च कोटि के हथियार और तकनीक भी उपलब्ध कराई है। पुलिस के मानवीय चेहरे को उजाकर करने के लिए 112, महिला हेल्पलाइन एवं थानों पर महिला प्रकोष्ठ, साइबर सेल आदि का गठन हुआ है। एकल खिड़की के जरिए जनता की समस्याओं का समाधान तत्काल किया जा रहा है।

तहसील दिवस और अन्य अवसरों पर मुख्यमंत्री के निरंतर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के आधार पर जनता की समस्याओं के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दिया जा रहा है। यह अत्यंत संतोष का विषय है जो प्रदेश पहले जबरन धन वसूली और खनन माफियाओं के क्रियाकलापों के लिए जाना जाता था। आज ये तत्व रसातल में जा चुके हैं। इससे ज्यादा हर्ष और संतोष का विषय क्या हो सकता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश के अग्रणी पुलिस बल के रूप में आज जानी जा रही है। यूपी पुलिस विभिन्न प्रदेशों में साइबर क्राइम और अन्य अधिनियमों के अंतर्गत पुलिस बलों को प्रशिक्षण दे रही है जिससे कि अन्य राज्यों की पुलिस एवं केंद्रीय सुरक्षा बल लाभान्वित हो रहे हैं।

मेरे एक सुझाव के ऊपर कि एटीएस और एसटीएफ के संसांधनों एवं तकनीक को तत्काल उच्चीकृत किए जाने की आवश्यकता है, अपर मुख्य सचिव श्री अवनीश अवस्थी जी ने इसका वृहद नोट तैयार किया और तत्काल इसके ऊपर मुख्यमंत्री स्तर से आदेश पारित किए गए। परिणामस्वरूप पुलिस बल अपराधियों एवं माफियाओं के ऊपर कार्रवाई करने में आज और अधिक सक्षम एवं सफल हो रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अपराधियों के लिए एक बहुत कड़ा संदेश गया है कि आने वाले समय में उनके द्वारा यदि कोई दुस्साहस किया गया तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। जेल सुधार में भी बहुत अभिनव प्रयोग किए गए हैं। श्री आनंद कुमार जो कि एक चिंतनशील पुलिस अधिकारी माने जाते हैं, उनके द्वारा इस दिशा में निरंतर कदम उठाए  जा रहे हैं। जेल में भी ऐसे सुधार दृष्टिगोचर हो रहे हैं जो कि देश में अन्यत्र कहीं दिखाई नहीं पड़ रहे।

(डॉ. विक्रम सिंह, उत्‍तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक हैं और वर्तमान में नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं)

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