Suheldev Bharatiya Samaj Party Crisis: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के सर्वेसर्वा ओमप्रकाश राजभर को सोमवार (पांच सितंबर, 2022) को बड़ा झटका लगा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि पार्टी के संस्थापक सदस्य और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ इस दौरान करीब दो दर्जन से अधिक दल के सदस्यों ने अपना त्यागपत्र भेजा।
"निजी अभियान में लगे हुए हैं ओपी"
मऊ जनपद मुख्यालय में एक होटल प्लाजा में पत्रकारों से बात करते हुए महेंद्र ने सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश पर बड़ा आरोप भी लगाया। कहा कि वह पार्टी के अभियान से भटक चुके हैं। राजभर अपने निजी अभियान के तहत धन बंटोरने के चक्कर में लगे हैं। 20 साल पहले 27 अक्टूबर 2002 को हम सबकी मौजूदगी में पार्टी की स्थापना की गई थी और उस समय पार्टी का मिशन गरीब, दलित, मजदूर और वंचित समाज का उत्थान करना था।
SBSP चीफ के कामों से पदाधिकारी आहत!
महेंद्र के मुताबिक, ‘‘ओपी केवल पैसा जुटाने में लगे हैं। हमने 20 साल पहले साल 2002 में गरीबों, दलितों, वंचितों के लिए काम करने के मिशन के साथ पार्टी की स्थापना की थी। लेकिन अब वह पैसे के लिए पार्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’ वह आगे बोले कि पार्टी चीफ के इन कामों से आहत होकर प्रदेश महासचिव अर्जुन चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. अवधेश राजभर सहित दो दर्जन से अधिक साथियों ने सुभासपा की सदस्यता छोड़ने का निर्णय लिया है।
अब्बास अंसारी को दे रहे संरक्षण- महेंद्र
उन्होंने कहा, "मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी को पूरे देश की पुलिस तलाश रही है, लेकिन उनके ओपी के घर में छिपे होने की आशंका है।" इस्तीफों के बीच सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस्तीफा देने वालों को समाजवादी पार्टी द्वारा प्रभावित किया जा रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘हम उनसे बात करने की कोशिश करेंगे।’’
दरअसल, साल 2017 विस चुनाव में मऊ सदर से तत्कालीन सुभासपा उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर को भाजपा-सुभासपा गठबंधन का प्रत्याशी बनाया गया था, जो बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़े थे। वैसे, वह मुख्तार अंसारी से कांटे की टक्कर में महज छह हजार वोट से चुनाव हार गए थे। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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