लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बकरीद के दिन मस्जिदों में सामूहिक नमाज पढ़ने और खुले में कुर्बानी देने पर रोक लगा दी गई है। उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने बुधवार को इस बारे में निर्देश जारी किया। दरअसल, इस फैसले की वजह राज्य में कोरोना के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि बताई गई है। बकरीद के दिन खुले में मांस ले जाने पर भी रोक लगाई गई है। यूपी सरकार ने यह फैसला ऐसे समय किया है जब दारूल उलूम देवबंद ने एक दिन पहले पांच मांगे करते हुए योगी सरकार को पत्र लिखा है।
दारूल उलूम के प्रवक्ता योगी सरकार को लिखा पत्र
दारूल उलूम के प्रवक्ता मुफ्ती अशरफ उस्मानी ने पत्र में मांग की है कि बकरीद के मौके पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत मिलनी चाहिए। उस्मानी ने कहा कि मस्जिद में एक बार में पांच लोगों के नमाज पढ़ने की शर्त सरकार को हटानी चाहिए। उन्होंने जानवरों की कुर्बानी के लिए सरकार से व्यवस्था करने एवं बकरों की बिक्री पर लगी रोक हटाने की भी मांग की है। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को बकरीद के दिन बाजार एवं शॉपिंग मॉल्स खुलने की इजाजत देनी चाहिए।
सपा सांसद ने भी छूट देने की मांग की
इस बीच, संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद रहमान बर्क ने भी बकरीद के मौके पर मस्जिदों में मुसलमानों को सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने की इजाजत देने की मांग की है। इस बारे में बर्क ने संभल के जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण को एक ज्ञापन सौंपा है और इस ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि केवल घरों में नमाज पढ़ना काफी नहीं है।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का वादा
उन्होंने कहा, 'मुस्लिम खासकर बकरीद के दिन जब सामूहिक रूप से नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह से माफी मांगते हैं तो यह कभी व्यर्थ नहीं जाता। मैं अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे बकरीद के दिन सामूहिक नमाज पढ़ने की अनुमति प्रदान करें। हम सुनिश्चिम करेंगे कि इस दौरान कोरोना महामारी के रोक के सभी उपाय लागू हों।' जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक मस्जिदों में पांच से ज्यादा लोगों के जुटने पर मनाही है।
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