नई दिल्ली : पतंजलि आयुर्वेद की दवा 'कोरोनिल' के प्रचार पर आयुष मंत्रालय द्वारा रोक लगाए जाने के बाद उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेद विभाग का लाइसेंस प्रदान करने वाले अधिकारी ने बुधवार को कहा कि पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से लाइसेंस के लिए जो आवेदन किया गया था उसमें कोरोनावायरस का कोई जिक्र नहीं था। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक लाइसेंसिंग अधिकारी ने कहा कि पतंजलि को केवल इम्यूनिटी बढ़ाने वाले एवं कफ एवं बुखार की दवा बनाने की मंजूरी दी गई थी। अधिकारी ने कहा, 'हम पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस जारी कर पूछेंगे कि उन्हें कोविड-19 की किट बनाने की अनुमति कहां से मिली।'
पतंजलि आयुर्वेद ने बनाई है 'कोरोनिल किट'
बता दें कि योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ने मंगलवार को कोविड-19 के इलाज का दावा करने वाली 'कोरोनिल' नाम की दवा की एक किट जारी की। इस पर आयुष मंत्रालय ने नोटिस जारी कर उससे जवाब मांगा है। मंत्रालय ने पतंजलि ग्रुप से इस 'कोरोनिल' किट का पूरा ब्योरा जैसे कि नाम, दवा का मिश्रण, दवा बनाने के लिए हुए शोध, संस्थागत इथिक कमेटी की मंजूरी, सीटीआरआई रिजस्ट्रेशन और रिजल्ट डाटा मांगा है। आयुष मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार की लाइसेंस अथॉरिटी विभाग से पतंजलि ग्रुप को दिए गए लाइसेंस की प्रति मांगी है। इसके अलावा विभाग से आयुर्वेदिक दवा के उत्पाद मंजूरी ब्योरा मांगा गया है।
आयुष मंत्रालय ने नोटिस जारी किया
मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, ‘संबद्ध आयुर्वेदिक औषधि विनिर्माता कंपनी को सूचित किया गया है कि आयुर्वेदिक औषधि सहित दवाइयों का इस तरह का विज्ञापन औषधि एवं चमत्कारिक उपाय (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम,1954 तथा उसके तहत आने वाले नियमों और कोविड-19 के प्रसार के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों से विनियमित होता है।' आयुष मंत्रालय ने आगे कहा, 'हरिद्वार स्थित पतंजलि आयुर्वेद की ओर से कोविड-19 के इलाज के लिए बनाई गई आयुर्वेदिक दवा के बारे में मीडिया में आई रिपोर्टों पर आयुष मंत्रालय ने संज्ञान लिया है। बताए गए वैज्ञानिक अध्ययन के ब्योरे एवं दावे के तथ्य से मंत्रालय अभी अवगत नहीं है।
इस दवा से कोविड-19 के मरीज ठीक होने का दावा
इससे पहले, हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में संवाददाताओं से रामदेव ने कहा, ‘यह दवाई शत प्रतिशत (कोविड-19) मरीजों को फायदा पहुंचा रही है।100 मरीजों पर नियंत्रित क्लिनिकल ट्रायल किया गया, जिसमें तीन दिन के अंदर 69 प्रतिशत और चार दिन के अंदर शत प्रतिशत मरीज ठीक हो गये और उनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई।’
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