मसूरी : सोमवार को कैम्पटी फॉल में नहा रहे करीब 200 लोग बाल-बाल बच गए। दरअसल, सैलानी जब यहां फॉल का लुत्फ उठा रहे थे तभी अचानक से फॉल के वेग में तीव्र इजाफा हुआ। पानी का बहाव इतना तेज था कि फॉल ने विकराल रूप ले लिया। गनीमत यह रही की स्थानीय पुलिस की सूझ-बूझ की वजह से समय रहते सैलानियों को फॉल से निकालकर सुरक्षित जगह भेज दिया गया। लोगों को निकालने में यदि थोड़ी भी देरी हुई होती तो फॉल का सैलाब बड़ी क्षति पहुंचा सकता था।
रिपोर्टों के मुातबिक थानाध्यक्ष नवीन चंद्र जुराल के मसूरी में ऊंचाई वाले स्थानों पर हुई भारी बारिश की जानकारी मिल गई थी। उन्होंने सूझबूझ दिखाई और अपने दल-बल के साथ कैम्पटी फॉल पहुंचे। सैलानियों के कैम्पटी फॉल से निकालने के तुरंत बाद ही वहां पानी का वेग अचानक से बढ़ गया और फॉल के बहाव ने सैलाब का रूप ले लिया। लोगों को समय पर यदि फॉल से नहीं निकाला गया होता तो यहां बड़ा हादसा हो सकता था।
गत शनिवार को भारी बारिश होने की वजह से फॉल का जलस्तर काफी बढ़ गया। इसके बाद पुलिस ने करीब 200 सैलानियों और 20 दुकानदारों को वहां से बाहर निकाला। बाद में रविवार को फॉल फिर पर्यटकों के लिए खोला गया। शनिवार की सुबह मसूरी और आस-पास के इलाकों में भारी बारिश हुई। गत 12 जुलाई की भारी बारिश के बाद फॉल को कई दिनों के लिए बंद कर दिया गया था। जबकि गत 29 अगस्त को यूपी के एक पर्यटक की फॉल में डूबने से मौत हो गई।
मसूरी और कैम्पटी फॉल उत्तराखंड के मशूहर पर्यटक स्थलों में शुमार है। यहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आए। गत जुलाई महीने में कैम्पटी फॉल का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में पर्यटक कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए सैकड़ों की संख्या में एक साथ नहाते नजर आए। यहां सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का उल्लंघन होने पर प्रशासन ने पर्यटकों की संख्या सीमित करते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगाए।
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