उत्तराखंड: भीड़ को काबू करने की कवायद, मसूरी-नैनीताल जा रहे 8000 पर्यटकों को वापस भेजा, चेक पॉइंट बनाए गए

उत्तराखंड में उमड़े पर्यटकों पर काबू पाने की कवायद शुरू हो गई है। मसूरी और नैनीताल जा रहे 8000 विजिटर्स को पुलिस ने वापस भेज दिया। इसके अलावा बॉर्डर चेक पॉइंट्स भी बनाए गए हैं।

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पहाड़ों पर पहुंच रहे लोग  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • कोरोना काल में भी लोग बड़ी संख्या में हिल स्टेशनों पर जा रहे हैं
  • पर्यटक कोविड 19 के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं
  • कई तस्वीरें सामने आईं जिसके बाद सरकारें हरकत में आईं

नई दिल्ली: हाल ही में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से आई तस्वीरों ने काफी परेशान किया। दरअसल, यहां पर्यटक काफी संख्या में उमड़ गए थे, जिससे कोरोना काल में बेहद चिंताजनक स्थिति बन रही थी। सरकारें इससे हरकत में आईं। अब खबर है कि उत्तराखंड पुलिस ने मसूरी और नैनीताल से 8000 पर्यटकों को वापस भेज दिया। इसके अलावा प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर जाने वाले लोगों के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा सीमा चौकियां भी स्थापित की गई हैं।

उत्तराखंड के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) नीलेश आनंद भराने ने कहा, 'केम्प्टी फॉल्स में स्नान करने वाली भारी भीड़ के वीडियो वायरल होने के बाद उत्तराखंड सरकार ने पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं। लोगों को नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट ले जाने और ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए नोटिस दिया गया है।' उन्होंने विजिटर्स से भीमताल, रानीखेत और लैंड्सडाउन जैसे वैकल्पिक स्थानों पर विचार करने का आग्रह किया बजाय इसके कि वे केवल एक या दो स्थानों पर एकत्रित हों। 

सरकार ने जारी किए दिशा-निर्देश

उत्तराखंड सरकार ने जिलाधिकारियों को सभी पर्यटन क्षेत्रों में वीकेंड की भीड़ को नियंत्रण में रखने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू ने सोमवार को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अगर उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में अभी स्थिति बिगड़ती है, तो जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्हें वीकेंड पर भीड़ के संबंध में निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है। उत्तराखंड सरकार ने अपने फैसले में कहा कि जो कोई भी नियमों की अवहेलना करेगा, उसके खिलाफ जिला मजिस्ट्रेट कड़ी कार्रवाई करेंगे। 

नियमों का हो सख्ती से पालन

एसओपी के अनुसार, राज्य के बाहर के सभी लोगों को तभी प्रवेश दिया जाएगा, जब उनका आरटी-पीसीआर या रैपिड एंटीजन टेस्ट अधिकतम 72 घंटों के अंदर का हो और नेगेटिव हो। जिलाधिकारी भौगोलिक परिस्थितियों और पर्यटकों की आमद को देखते हुए अपने क्षेत्र में सप्ताहांत में आने वाले आगंतुकों की संख्या सीमित करने के लिए अधिकृत हैं। आदेश में कहा गया है कि कोविड-उपयुक्त व्यवहार जैसे मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना आदि का सभी स्थानों पर सख्ती से पालन किया जाना चाहिए और उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाना चाहिए।

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