कांग्रेस के प्रवक्ता रत्नाकर त्रिपाठी ने एक लाइव टीवी न्यूज डिबेट में दावा किया कि वह गरीब आदमी हैं और उनके पास जनहित याचिका (पीआईएल) के लिए पैसे तक नहीं है। शो के दौरान पत्रकार सुशांत सिन्हा ने उन्हें इसी बात पर घेर लिया और उनकी वेषभूषा को लेकर सवाल दागने लगे। दो टूक पूछा- आप करीब 1500 रुपए टी-शर्ट पहने हैं, बढ़िया घड़ी पहने हैं और कह रहे कि PIL के लिए पैसा नहीं हैं?
दरअसल, यह पूरा मामला सोमवार (29 अगस्त, 2022) को टाइम नाउ नवभारत के डिबेट शो राष्ट्रवाद से जुड़ा है। दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में ढहाए जा चुके ट्विन टावर के मुद्दे पर बहस के दौरान एंकर और कंसल्टिंग एडिटर सिन्हा ने पूछा था- जो सुन रहा हो वह सोचेगा कि इतना भ्रष्टाचार हो रहा है और यह इतने गरीब हैं कि आपके पास पीआईएल डालने के लिए पैसा नहीं है। अपनी टीशर्ट देखिए...ये कम से कम डेढ़ हजार की होगी और आपके पास पीआईएल का पैसा नहीं है?
रत्नाकर ने जवाब दिया- मैं अभी आपको अपना बैंक बैलेंस दिखा दूंगा। मैं पैतृक आवास में रहता हूं, जो मेरे परदादा के पहले के लोगों ने बनाया था। मेरे नाम इस देश में एक धूल जमीन नहीं है। मेरे नाम एक मोटरसाइकिल नहीं है। मुझे आज से कुछ साल पहले मेरे दोस्त ने एक बाइक गिफ्ट की थी, मैं आज उससे चलता हूं। मेरे बैंक खाता में पांच हजार तीन सौ अठहत्तर रुपए हैं। चूंकि, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) कहता है कि पांच हजार रुपए कम से कम खाते में रहने चाहिए।
बकौल कांग्रेस नेता, "माननीय विधायक तनख्वाह पाते हैं, इसलिए वह मेरे ऊपर मुकदमा कर देते हैं।" इस बीच, एंकर के साथ बीजेपी प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने टोका कि आपके पास इतने बड़े-बड़े वकील हैं, उनका क्या? रत्नाकर इस पर बोले- वकील तो मुकदमा फ्री में लड़ लेगा, पर टाइप कराने का, मुंशी का और दाखिल करने का खर्च तो करना पड़ेगा। मैं आपसे कह रहा हूं कि आप शलभ मणि त्रिपाठी से पैसा दिलवा दीजिए। मैं पीआईएल कर दूं।
सिन्हा ने फिर टोका, "आप ब्रांडेड टीशर्ट पहने हैं और घड़ी भी बढ़िया पहने हैं।" उन्होंने उत्तर दिया, "ये जो घड़ी (लाइव शो के दौरान दिखाते हुए) है, यह मेरे प्रोफेसर मित्र ने मुझे कुछ साल पहले दी। यह जो यूएसपीए की टीशर्ट है...यह मेरे एक्सपोर्टर दोस्त अश्विनी नागर ने दी थी।" एंकर ने इस सफाई पर कहा- इतना आप दोस्त से घड़ी और टीशर्ट ले ले रहे हैं तो उनसे बोलिए कि समाज की भलाई के लिए आपको पीआईएल करनी है। उसके लिए भी पैसा उधार लें। दोस्त टीशर्ट और घड़ी दे सकते हैं पर पीआईएल के लिए कर्जा नहीं देंगे क्या?
रत्नाकर तिवारी बोले, "वे दे रहे हैं, मैं ले नहीं रहा हूं। अगर वे मुझे पीआईएल करने के लिए कुछ लाख देंगे तो मैं कर दूंगा।" इस पर बीजेपी प्रवक्ता और एंकर के साथ अन्य मेहमान हंसने लगे। सिन्हा ने यह भी कहा कि वह ये बातें सुनकर निरुत्तर हो गए। देखिए, आगे (33वें मिनट से...) क्या हुआः
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