नई दिल्ली: पाकिस्तान आतंक फैलाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। आतंकी भेज रहा है, हथियारों की डिलीवरी कर रहा है और ड्रग्स की खेप भेज रहा है। लेकिन उसकी हर साजिश को फटने से पहले ही सुरक्षाबलों द्वारा डिफ्यूज कर दिया जा रहा है। इसलिए आंतक का पालनहार पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया है। समझ में आ नहीं रहा है कि आखिर करें तो करें क्या।
बीती रात एक बार फिर पाकिस्तान की एक साजिश को अंजाम तक पहुंचने से रोक दिया गया। जम्मू कश्मीर के फलियन मंडल इलाके में एक ड्रोन से हथियारों की खेप गिराई गई इसमें एक AK-47, एक नाइट विजन डिवाइस, 3 मैगजीन और गोलियां मौजूद थी। दरअसल रात के अंधेरे लोगों ने ड्रोन की आवाज सुनी एक साथ दो ड्रोन को देखा गया। जिसके बाद पुलिस को इत्तिला दी गई। इससे पहले की नापाक साजिश की खेप आतंकियों के हाथ लगती, पुलिस ने इसे जब्त कर लिया।
सीमापार से भेजे गए ये हथियार किसके लिए भेजे गए थे पुलिस अब इसकी जांच कर रही है। बीते कुछ वक्त में पाकिस्तान ने घाटी में आतंक फैलाने के लिए ड्रोन का सहारा लेना शुरु कर दिया है। पाकिस्तान ड्रोन पर लगातार अपना फोकस बढ़ा रहा है। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान रावलकोट में चार साल से बंद पड़ी एयर स्ट्रिप को रिपेयर कर रहा है जिसमें उसके हथियार बंद यूएवी यानी अनमैन्ड एरियल व्हीकल के लिए रनवे तैयार होगा ये भारत के पुंछ इलाके के अपोजिट है। हाल के दिनों में ड्रोन के जरिए पाकिस्तान की साजिश कब-कब बेनकाब हुई इसे जानिए-
सीमापार से लगातार हो रहे ड्रोन हमलों पर कड़ी निगरानी रखने और उसे मार गिराने KR जिम्मेदारी जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री को दी गई है। इस इन्फेंट्री में 460 नए जवानों को शामिल किया गया। इन सभी जवानों को ट्रेन किया जाएगा ताकि भारतीय सीमा में ड्रोन के जरिये हमला करने की कोई हिमाकत न कर सके। भारतीय सेना और जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट इसका सामना करने के लिए तैयार है।
आतंकी ड्रोन के इस्तेमाल पर ज्यादा फोकस इसीलिए कर रहे हैं क्योंकि सरहद पार करने की फिराक में उसके कई आतंकी अल्लाह को प्यारे हो चुके हैं और जो बच रहे हैं वो सेना के खौफ में सरेंडर कर रहे हैं। इसकी मिसाल है हाल ही में पकड़ा गया 19 साल का पाकिस्तानी आतंकी अली बाबर। अली बाबर अपने साथी आतंकियों के साथ 18 सितंबर को उरी सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था। इससे पहले की आतंकी भारत में घुस पाते सेना ने उनपर फायरिंग शुरु कर दी। सेना की ललकार से घबराकर चार आतंकी वापस पाकिस्तान की सीमा में भाग खड़े हुए लेकिन दो आतंकी गलती से भारतीय सीमा में फंस गए। इन दोनों आतंकियों को पकड़ने के लिए सेना ने कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरु किया। 25 सितंबर को भारतीय सेना ने इन दोनों आतंकियों को उरी के सलामाबाद नाले में घेर लिया। 26 सितबंर की सुबह भारतीय सेना ने एक आतंकी को मार गिराया। अपने साथी की मौत से घबराया अली बाबर भारतीय सेना के सामने गिड़गिड़ाने लगा और सरेंडर की अपील की।
अली बाबर के पास से 5 AK-47s, कई राउंड गोलियां और 70 ग्रेनेड रिकवर किए थे। बरामद हथियारों की मात्रा से साफ था कि आतंकी कुछ बड़ा प्लान कर के आए थे लेकिन सेना ने एक बार फिर आतंकियों की साजिश को नाकाम कर दिया। इमरान का जवाब वहां तो भारत की स्नेहा दुबे ने तो तब ही दे दिया था। स्नेहा ने जो कहा, भारतीय सेना बॉर्डर पर वही कर रही है। पाकिस्तान के पालतू आतंकियों से निपट रही है। बीते कुछ दिनों से जो ऑपरेशन चल रहा है उससे साफ है कि जवाब तो पुख्ता मिल रहा है लेकिन एक बात इमरान खान को भी समझ लेनी चाहिए कि आतंक का सहारा लेकर घाटी को अस्थिर करने का सपना वो छोड़ ही दे तो बेहतर होगा।
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