'LAC के अपने क्षेत्र में गतिविधियां करें चीन, RIC की बैठक में हिस्सा लेंगे एस जयशंकर'   

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Updated Jun 18, 2020 | 19:55 IST

MEA on Galwan Valley violence: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से टेलीफोन पर बातचीत में छह जून की बैठक में लिए गए फैसले को लागू करने की जरूरत के बारे में बात की थी।

we are strongly committed to ensuring India's sovereignty & territorial integrity: MEA
देश मंत्री एस जयशंकर 23 जून को रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। 
मुख्य बातें
  • भारत ने कहा-एलएसी के अपने क्षेत्र में ही अपनी गतिविधियां करे चीन
  • विदेश मंत्रालय ने कहा दोनों देशों के दूतावास लगातार एक दूसरे के संपर्क में हैं
  • गलवान घाटी में 15 जून की रात हुई हिंसा में एक कर्नल और 19 जवान शहीद हुए

नई दिल्ली : भारत ने बृहस्पतिवार को चीन से कहा कि वह अपनी गतिविधियों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के उसके अपने क्षेत्र तक ही सीमित रखे और उसे इसमें बदलाव के लिए कोई एकपक्षीय कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। गलवान घाटी की हिंसक झड़प का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रवक्ता ने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर 23 जून को रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे।

कोई जवान लापता नहीं
ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में संवाददाताओं से बातचीत में श्रीवास्तव ने कहा कि सोमवार रात को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से कोई भारतीय जवान लापता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘सीमा प्रबंधन पर जिम्मेदाराना रुख के साथ भारत का बहुत स्पष्ट मत है कि उसकी सभी गतिविधियां हमेशा एलएसी के इस ओर होती हैं। हम चीनी पक्ष से अपेक्षा करते हैं कि वह भी अपनी गतिविधियों को एलएसी के अपनी तरफ सीमित रखे।’

दोनों देशों के दूतावास संपर्क में
प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष अपने-अपने दूतावासों तथा विदेश कार्यालयों के माध्यम से नियमित संपर्क में हैं और जमीनी स्तर पर भी संपर्क कायम रख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘सीमा के मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कामकाजी प्रणाली समेत हमारी अन्य स्थापित कूटनीतिक प्रणालियों पर बातचीत जारी है।’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘हम सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन बनाए रखने की जरूरत पर और मतभेदों को संवाद के माध्यम से सुलझाने पर पूरी तरह दृढ़संकल्पित हैं, वहीं उसी समय जैसा कि प्रधानमंत्री ने कल कहा था, हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’

भारत के 20 जवान हुए हैं शहीद
गलवान घाटी क्षेत्र में सोमवार रात दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में एक कर्नल और 19 अन्य भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए। सोमवार को हुई झड़प, नाथू ला में 1967 में हुई झड़पों के बाद दोनों सेनाओं के बीच अब तक का सबसे बड़ा टकराव था। नाथू ला में हुई झड़पों में भारतीय सेना के 80 सैनिक शहीद हुए थे जबकि चीन के 300 से अधिक सैनिक मारे गए थे।

रिक की बैठक में भाग लेंगे एस जयशंकर 
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से टेलीफोन पर बातचीत में छह जून की बैठक में लिए गए फैसले को लागू करने की जरूरत के बारे में बात की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक अलग प्रश्न पर जवाब देते हुए कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर 23 जून को रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे।

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