नई दिल्ली: लद्दाख में चीन की धोखेबाजी किसी से छिपी नहीं हैं। एक तरफ वह सैन्य स्तर की वार्ता करते रहा और दूसरी तरफ रात के अंधेर में भारतीय सैनिकों पर पीछे से हमला। इन सबके बीच कुछ ताजा सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें साफ दिख रहा है कि बातचीत के दौरान ही चीन ने किस तरह से धोखेबाजी की और पूरे सैन्य सामान, उपकरण और निर्माण कार्य में काम आने वाले यंत्रों को गलवान में तैनात कर दिया था।
सैटेलाइट तस्वीर
टाइम्स नाउ के मुताबिक, जो ताजा सैटेलाइट तस्वीरें सामने आईं हैं उनमें दिख रहा है कि चीन के सैकड़ों सैनिक औऱ भारी उपकरण गलवान घाटी में तैनाता है। चीन यह हरकत ऐसे समय में कर रहा है जब वह एक तरफ स्थिति को सामान्य बनाने के लिए सैन्य स्तर पर बातचीत कर रहा है। मेजर जनरल स्तर की बुधवार को जो बातचीत हुई वह विफल रही जिससे यह संकते मिलता है चीन मानने को तैयार नहीं है। हालांकि आज एक बार फिर बातचीत होनी है।
चीन को दो टूक
इससे पहले भारत ने बुधवार को चीन को दो टूक कहा कि गलवान घाटी में हुई अप्रत्याशित घटना का द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। भारत ने साफ कहा कि उस हिंसा के लिए चीन की ‘पूर्व नियोजित’ कार्रवाई सीधे तौर पर जिम्मेदार है जिसके कारण भारतीय सेना के 20 कर्मी शहीद हुए। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग वी के बीच हुई टेलीफोन वार्ता में भारत ने ‘‘कड़े शब्दों’’ में अपना विरोध जताया और कहा कि चीनी पक्ष को अपने कदमों की समीक्षा करनी चाहिए और स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए।
पांच मई से जारी है संघर्ष
आपको बता दें कि पांच मई के बाद से पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाएं गलवान और कई अन्य इलाकों में तनातनी की स्थिति में हैं। पांच मई को दोनों सेनाओं के बीच पेंगांग सो लेक के तट पर संघर्ष हुआ था। तनातनी शुरू होने के बाद भारतीय सैन्य नेतृत्व ने यह तय किया कि वह पेंगांग सो, गलवान घाटी, डेमचाक और दौलत बेग ओल्डी सहित सभी विवादित स्थलों पर चीनी सैनिकों के आक्रामक मुद्रा से कड़ाई से निबटेगी औऱ इसी कड़ी में सैनिकों की तैनाती को चीन के मुकाबले किया गया।
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