Helicopter Money: जानिए क्या होती है हेलीकाप्टर मनी, कोरोना संकट में हो सकती है इकॉनमी के लिए मददगार!

देश
किशोर जोशी
Updated Apr 12, 2020 | 16:37 IST

आर्थिक जगत में पिछले काफी समय से 'हेलीकॉप्टर मनी' की चर्चा हो रही है और कोरोना संकट के बाद पैदा हुए आर्थिक हालात में यह चर्चा और तेज हो चली है।

What is the meaning of helicopter money? Read the definition in Hindi
Helicopter Money: जानिए क्या होती है हेलीकाप्टर मनी 
मुख्य बातें
  • कोरोना संकट के बाद एक बार फिर तेज हुई हेलीकॉप्टर मनी की मांग
  • तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव भी दे चुके हैं इसे लेकर सुझाव
  • 1969 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन ने किया था इस टर्म का प्रयोग

नई दिल्ली: कल्पना करिए कि एक रोज आप सोकर उठते हैं और मोबाइल पर मैसेज देखते हैं तो आपको पता चलता है कि आपके खाते में अतिरिक्त पैसे जमा हुए हैं। हालांकि यह एक कल्पना है लेकिन ऐसा होना संभव भी हो सकता है वो भी 'हेलीकॉप्टर मनी' के जरिए। दरअसल हेलीकॉप्टर मनी (पैसा) सरकारें सीधे उपभोक्ताओं को देती हैं। इसके पीछे का उद्देश्य होता है कि लोग अधिक से अधिक खर्च करें जिससे अर्थव्यवस्था में मजबूती आए। जैसे-जैसे मांग बढ़ेगी वैसे-वैसे कीमतें भी बढ़ेंगी और इकॉनमी मजबूत होगी।

क्या है हेलीकॉप्टर मनी का अर्थ
'हेलिकॉप्टर मनी' का पहली बार प्रयोग 1969 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रीडमैन ने किया था। नाम से ऐसा लगता है कि जैसे आकाश से हेलिकॉप्टर द्वारा पैसे बरसाए जाएं। लेकिन अर्थव्यवस्था के संदर्भ में इसका अर्थ अपरंपरागत तौर पर आर्थिक नीति में बड़ा बदलाव करना और बड़े पैमाने पर नोटों को छापना और उसे ग्रोथ के लिए बाजार में लगाना है। ऐसा अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए तब किया जाता है जब देश में मंदी छाई हो। 

वर्तमान हालातों को देखते हुए फिर शुरू हुई चर्चा

 दुनियाभर में जिस तरह कोरोना संकट की वजह से तमाम अर्थव्यवस्थाओं की हालत खस्ता हो गई है उसके बाद एक बार फिर 'हेलीकॉप्टर मनी' की चर्चा शुरू हो गई है। आर्थिक जगत में इस 'हेलीकॉप्टर मनी' टर्म का प्रयोग काफी समय से किया जा रहा है। 'हेलीकॉप्टर मनी' की अवधारणा पर अर्थशास्त्रियों द्वारा कई वर्षों से गंभीरता से बहस की जा रही हैऔर वर्तमान हालातों को देखते हुए इसके प्रचलन में आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 2008 में जब आर्थिक मंदी आई थी तब केंद्रीय बैंकों ने ट्रिलियन डॉलर, यूरो, येन और पाउंड होने के बावजूद वैश्विक वित्तीय प्रणाली में कदम रखा था।

ऐसा कदम उठा सकते हैं कई देश 

कोरोना संकट के बाद पैदा हुए हालात के बाद माना जा रहा है कि जापान, अमेरिका सहित दुनिया के कुछ देश हेलीकॉप्टर मनी का प्रयोग कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि आने वाले समय में लोग, व्यापारी मार्केट में गिरावट से खरीददारी बंद कर देते हैं तो अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसे हालात को रोकने के लिए यूरोप सहित कई सेंट्रल बैंक इस तरह का कदम उठा सकते हैं तांकि आर्थिक विकास की दर को बढ़ाया जा सके। लोग कह रहे हैं कि भारत सरकार के पास भी इस संकट की घड़ी में हेलीकॉप्ट मनी का एक विकल्प उपलब्ध है।

तेलंगाना के सीएम ने दिया था सुझाव

हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने सुझाव देते कहा था, 'आर्थिक संकट का मुकाबला करने के लिए हमें एक रणनीतिक आर्थिक नीति की आवश्यकता है। RBI को सहजता की नीति लागू करनी चाहिए। इसे हेलिकॉप्टर मनी कहा जाता है। इससे राज्यों और वित्तीय संस्थानों को धन अर्जित करने में सुविधा होगी। हम वित्तीय संकट से बाहर आ सकते हैं।'

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