नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव ने एलोपैथी पर अपनी टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकी में कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने कोविड-19 मामलों के उपचार पद्धति पर डॉक्टरों की आलोचना की थी। बाबा रामदेव ने अपनी याचिका में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा पटना और रायपुर में दर्ज एफआईआर की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है और एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए कहा है।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में पुलिस ने बाबा रामदेव के खिलाफ कोविड-19 के इलाज के लिए चिकित्सा बिरादरी द्वारा इस्तेमाल की जा रही दवाओं के बारे में कथित रूप से 'झूठी' जानकारी फैलाने के लिए प्राथमिकी दर्ज की है। रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की छत्तीसगढ़ इकाई की शिकायत के आधार पर बुधवार रात रामकृष्ण यादव उर्फ बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
बाबा रामदेव पर धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 269 (जीवन के लिए खतरनाक बीमारी के संक्रमण को फैलाने के लिए लापरवाही से काम करने की संभावना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया है। बीते 26 मई को रामदेव द्वारा चिकित्सक समुदाय और कोरोना संक्रमण काल के दौरान दवाइयों के बारे में कथित रूप से दुष्प्रचार, केंद्रीय महामारी एक्ट का उल्लंघन, विद्वेष की भावना से भ्रम फैलाने और आम जनता तथा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों की जानमाल को खतरे में डालने के संबंध में शिकायत की गई थी।
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